लखनऊ:अभी तक राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे जयंत चौधरी अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं. क्या जयंत चौधरी इतने परिपक्व हैं कि वे राष्ट्रीय लोकदल को और भी मजबूती प्रदान कर पाएंगे? पिछले चुनाव में जो पार्टी की स्थिति रही उसे कैसे बेहतर करेंगे, संगठन को कितना मजबूत कर पाएंगे, इसे लेकर 'ईटीवी भारत' ने राजनीतिक विश्लेषकों से उनकी राय ली. उनका मानना है कि जयंत चौधरी मिलनसार नेता हैं, सभी दलों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं, ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि जयंत चौधरी पार्टी के लिए बेहतर काम करेंगे.
राजनीतिक विश्लेषक प्रभात रंजन दीन कहते हैं कि पार्टी के सामने जयंत चौधरी के अलावा कोई विकल्प ही कहां था? वैसे भी देश के लोग विरासत वाले लोगों को जल्द स्वीकार कर लेते हैं. जब चौधरी चरण सिंह की मृत्यु हुई तो उनके बेटे चौधरी अजीत सिंह अध्यक्ष बने. अब उनकी मृत्यु हुई तो उनके बेटे जयंत चौधरी का अध्यक्ष बनना तय था. इसमें कोई नई बात नहीं है. जहां तक बात यह है कि जयंत चौधरी कितने परिपक्व हैं कि वे पार्टी को मजबूत कर पाएंगे तो यहां पर यह जानना जरूरी है कि जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजीत सिंह तो नेता भी नहीं थे. अपने पिता चौधरी चरण सिंह के साथ उन्होंने राजनीति भी नहीं की थी, बल्कि वे एक नौकरशाह थे. नौकरशाह से नेता बने और फिर पार्टी की कमान संभाली. पार्टी को मजबूती दी. वह कई सरकारों में मंत्री रहे.
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प्रभात रंजन दीन का कहना है कि जहां तक जयंत चौधरी का सवाल है तो वे अपने पिता चौधरी अजीत सिंह के साथ शुरुआत से ही राजनीति कर रहे हैं. उनमें राजनेता के सारे गुण मौजूद हैं. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि जयंत चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल काफी ज्यादा मजबूत होगी. बशर्तें वह सही दिशा में पार्टी को ले जाने के लिए प्रयास करें. जयंत चौधरी का व्यवहार अच्छा है, उनके स्वभाव में सादगी है. सभी दलों के नेताओं से संबंध अच्छे हैं. जयंत चौधरी अच्छे राजनेता हैं, उन्हें राजनीति करनी आती है. इसलिए राष्ट्रीय लोकदल पहले की तुलना में जयंत चौधरी के अध्यक्ष रहते और मजबूत होगी, इसकी पूरी उम्मीद की जा सकती है.