लखनऊः केंद्र सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी गंगा को निर्मल भले ही नहीं कर पाई हो, लेकिन हरियाली बढ़ाने के लिए गंगा किनारे पौधे लगवाने का काम जरूर शुरू करने जा रही है. उत्तर प्रदेश भी इसके लिए अपनी तैयारी कर चुका है. हालांकि, निर्मल गंगा का सपना भी उत्तर प्रदेश से ही देखा गया था और केंद्र सरकार ने तो अलग से मंत्रालय तक का गठन कर दिया था. अब देखना दिलचस्प होगा कि गंगा किनारे पौधा रोपण कितना सफल हो पाता है. हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह इस योजना को पूरी तरह से अमली जामा पहनाने का दावा करने के साथ किसानों को भी उसकी कीमत देने का वादा कर रहे हैं. इसे गंगा हरीतिमा योजना नाम दिया गया है.
सभी विभागों को दिए गए हैं लक्ष्य
दरअसल, केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में गंगा हरीतिमा योजना की घोषणा की थी. जिसके तहत देश भर में गंगा किनारे पौधे लगाए जाने थे. वर्ष 2021 से उत्तराखंड से शुरू होने वाली यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड तक जाने वाली थी. उत्तर प्रदेश के 27 जनपदों में अभी यह योजना चल रही है. दावा किया जा रहा है कि यूपी सरकार वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है. साथ ही विभागों का बंटवारा भी किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में यूपी में 30 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. वहीं अगले वित्तीय वर्ष में इसे बढ़कर 35 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए वन विभाग को जिम्मेदारी दी गई थी, जिसने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है.
तत्कालीन मुख्य सचिव ने तैयार करवाई थी योजना
उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन (वर्ष 2020) मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय ने योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया था कि वन एवं वन्य जीव विभाक को वर्ष 2021-22 में 1080 लाख और वर्ष 2022-23 में 1260 लाख पौधे लगाने हैं. वहीं, पर्यावरण विभाग को 120 और 140 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. ग्राम्य विकास विकास विभाग को 2021-22 में 1056 लाख और वर्ष 2022-23 में 1232 लाख पौधा रोपण करना है. इसी तरह कृषि विभाग इस वर्ष 201.6 लाख और अगले वर्ष 235.2 लाख पौधे लगाएगा. उद्यान विभाग को इस वर्ष 132.96 लाख और अगले वर्ष 155.12 लाख पौधारोपण करेगा. राजस्व विभाग को इस वर्ष 120 लाख और अगले वर्ष 140 लाख पौधारोपण को लक्ष्य दिया गया है.