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Legislative Assembly की कार्यवाही में गूंजे ये मुद्दे, सरकार ने कही ये बात - समाजवादी पार्टी के विधायकों

विधान परिषद में शुक्रवार को किसानों के मुद्दे पर सपा के विधायकों और नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य के बीच नोकझोंक हुयी. सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सदन (Legislative Assembly) को अव्यवस्थित देखते हुए कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

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Published : Feb 24, 2023, 7:19 PM IST

लखनऊ : विधान परिषद में शुक्रवार को शून्य काल में किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के विधायकों और नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य के बीच नोकझोंक हुयी. सपा सदस्यों ने सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा किसान परेशान है. यह मुद्दा गंभीर है, सरकार तत्काल इस पर चर्चा कराये. नेता सदन व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की असली हितैषी है. किसान हमारा भगवान और अन्नदाता हैं. उसकी कमाई बढ़े यह सरकार की प्राथमिकता है. हमारी सरकार गरीबों, किसानों और गांवों के लिए समर्पित है. इस मुद्दे पर चर्चा की काई आवश्यकता नहीं है. सपा सदस्य उत्तेजित होकर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये.

सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने सदन को अव्यवस्थित देखते हुए कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. इसके पूर्व प्रश्नकाल में सपा सदस्य डा. मान सिंह यादव के सवाल पर सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग अस्वीकार कर देने पर सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया. सदन में सपा के लाल बिहारी यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, नरेश चन्द्र उत्तम, डा. मानसिंह यादव, आशुतोष सिंन्हा, मुकुल यादव, शहनवाज खान ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा किया था. नरेश उत्तम ने कहा आज किसान अपनी लागत की बात करता है तो उसके ऊपर फर्जी मुकदमे लग रहे हैं. दोगुनी आय करनी की बात किसानों के साथ धोखा है. किसानों को उनकी फसलों की लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा. बिजली, कीटनाशक, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़े हैं. सिंचाई महंगी हुयी है. आलू सस्ता, बालू महंगी है. गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपया बकाया है. छुट्टा जानवर फसल खा रहे हैं. इससे किसान परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं. शहनवाज ने एक शायरी के जरिये किसानों की पीड़ा को कुछ यूं बयां की खोकर अपनी पहचान बैठा है, चुकाकर अपना लगान बैठे हैं, हालत देखिये किसानों की, खेतों में बिल्डर और सड़कों पर किसान बैठे हैं. इस पर कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद ने मोर्चा संभालते हुए कहा सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. गन्ना किसानों को पिछले वर्ष का 99 प्रतिशत भुगतान हो चुका है. धान, गेहूं की खरीद भी पारदर्शी हुयी है. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिया जा रहा है. उनका शोषण बन्द हो चुका है. यह सब भाजपा सरकार में ही संभव है. सरकार ने बजट में किसानों के हित खासे प्रावधान किये हैं.

इस सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया कि विभागीय मंत्री मौजूद नहीं हैं. इससे ही सरकार का किसानों के प्रति संवेदना का पता चलता है. तब नेता सदन ने मोर्चा संभालते हुए कहा सरकार ने किसानों के हित में उनके निजी नलकूपों की भी बिजली फ्री करने की व्यवस्था की है. गन्ना किसानों का बोआई क्षेत्र बढ़ा है. इसका नतीजा है कि रिकार्ड चीनी उत्पादन हो रहा है. उससे किसानों की आमदनी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि समाजवादी जब सत्ता में रहते हैं तो इन्हें किसाना, नौजवान, युवा नहीं बल्कि इन्हें गुंडे याद आते हैं. सभापति ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर दिया, सपा सदस्य चर्चा की मांग करते हुए वेल में आ गये. ऐसी स्थिति में सभापति को सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थिति करनी पड़ी इसके पूर्व प्रश्नकाल में डा. मान सिंह यादव ने प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय पूर्ववत 40 हजार करेगी. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों का मानदेय दस हजार नियत किया गया है. फिलहाल मानदेय बढ़ाने की काई योजना नहीं है. जिसपर असंतुष्ट सपा सदस्यों ने वाकआउट किया. शून्य प्रहर में उमेश द्विवेदी विशेषाधिकार हनन का मामला उठाते हुए कहा कि प्रतापगढ़ के जिला विद्यालय निरीक्षक ने उनके फोन पर बात नहीं की. ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी कहा कि अधिकारी मनबढ़ हो गये हैं. नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा किसी भी अधिकारी को विधायक का फोन उठाना होगा.
ऐसा नहीं करने वाले अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. अधिकारी यदि कहीं व्यस्त हैं तो वह कॉलबैक करेगा.

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