लखनऊ:कॉर्पोरेट सेक्टर की देश की पहली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में हवाई जहाज में होने वाली एयर होस्टेस की तरह ट्रेन होस्टेज का विकल्प दिया गया है. पहली बार ट्रेन में ट्रेन होस्टेस देखकर यात्री उनके साथ सेल्फी खींचने का प्रयास करते हैं. ऐसे में न चाहते हुए भी हंसकर ट्रेन होस्टेस को सेल्फी खिंचानी पड़ती है. शुरुआत में कुछ शिकायतें IRCTC को मिली, जिसमें यात्रियों द्वारा बार-बार पुश बटन दबाकर ट्रेन होस्टेस को बिना किसी कारण के लिए ही बुला लिया जाता. इस पर अमल करते हुए अब आईआरसीटीसी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया है.
ट्रेन होस्टेस की समस्याओं का हल बनेगा- IRCTC का व्हाट्सएप ग्रुप
राजधानी दिल्ली से लखनऊ तक चलने वाली तेजस एक्सप्रेस में हो रही होस्टेस की समस्याओं को देखते हुए IRCTC ने एक ऐसा व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिसमें ट्रेन होस्टेस के तौर पर जॉब कर रही युवतियां अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी.
व्हाट्सएप ग्रुप पर किसी तरह की समस्या होने पर ट्रेन होस्टेस और अन्य महिला कर्मचारी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं. शिकायत मिलते ही आईआरसीटीसी अपनी तरफ से उचित कार्रवाई करेगा. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या ट्रेन में प्लेन की तरह पैसेंजर नहीं हैं. आखिर क्यों ट्रेन होस्टेस कभी-कभी असहज महसूस करने लगती हैं.
क्यों बनाया गया व्हाट्सएप ग्रुप
तेजस एक्सप्रेस में ट्रेन होस्टेस को किसी तरह की असुविधा न हो, यात्री उनसे अभद्रता या फिर बुरा बर्ताव करें, तो यह मामला तत्काल आईआरसीटीसी के संज्ञान में आए, जिससे एक्शन लिया जा सके. इसे ध्यान में रखकर आईआरसीटीसी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है.
सभी ट्रेन होस्टेस से जोड़ा गया व्हाट्सएप ग्रुप
इसमें तेजस ट्रेन में तैनात सभी एयर होस्टेस को जोड़ा गया है. साथ ही ट्रेन के अंदर अन्य जितनी भी महिला कर्मचारी हैं, उनके अलावा ग्रुप में एचआर डिपार्टमेंट की भी महिलाकर्मियों को जोड़ा गया है.
व्हाट्सएप ग्रुप ऐसे करेगा काम
आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव का कहना है कि फिलहाल अभी तक यात्रियों द्वारा महिलाकर्मियों से बुरे बर्ताव की कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन अचानक किसी तरह की असुविधा न हो इसका ख्याल रखते हुए, यह व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया गया है. बता दें कि ग्रुप में 50 से अधिक महिलाकर्मियों को रखा गया है.
उन्होंने बताया कि जिसको किसी भी तरह की कोई भी समस्या होगी, वह इस ग्रुप में मैसेज फॉरवर्ड कर देंगी. उसके बाद संबंधित अधिकारी इस पर अमल करते हुए कार्रवाई करेंगे. इससे जहां ट्रेन होस्टेस खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी, वहीं यात्रियों को भी यह संदेश जाएगा कि वे अपना व्यवहार अच्छा रखें.
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