लखनऊः यात्रियों को अब भारतीय रेलवे खाने की जो सुविधाएं उपलब्ध कराएगा उनमें किसी तरह की शिकायत आने पर 15 मिनट के अंदर समाधान भी करेगा. ट्रेन के अंदर घटिया खाना परोसा गया हो, तय कीमत से अधिक पैसे की वसूली की गई हो या फिर ओवरचार्जिंग की जा रही हो. खानपान से जुड़ी हर शिकायत को हल करने में महज कुछ पल ही लगेंगे. आईआरसीटीसी की तरफ से इस तरह की व्यवस्था किए जाने की तैयारी की जा रही है.
आईआरसीटीसी प्रशासन की ओर से एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है, जहां पर यात्री, ठेकेदार व अधिकारी एक साथ उपलब्ध होंगे. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे लखनऊ से प्रारंभ करने की तैयारी है. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम को न्यू कैटरिंग पॉलिसी(New Catering Policy) के तहत रेलवे में खानपान की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है. इसके बाद आईआरसीटीसी के बेस किचन से कोविड की वजह से सप्लाई नहीं हो सकी थी, पर अब ट्रेनों में खाना सप्लाई करने की तैयारी है.
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ट्रेनों व स्टेशनों से खानपान के लिए आ रही शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए यह नया सिस्टम विकसित किया गया है. रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य सुनील कुमार के मुताबिक कैटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम मॉड्यूल(Catering Management System Module) तैयार किया गया है. इस एक प्लेटफॉर्म पर यात्रियों, रेलवे अधिकारियो, ठेकेदारों और आईआरसीटीसी को लाया गया है, जैसे ही कोई शिकायत आएगी, सम्बंधित जोन, मंडल व स्टेशन पर पहुंच जाएगी जिससे निस्तारण में आसानी होगी. इससे एक डाटाबेस तैयार करने में भी सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि लखनऊ से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया जाएगा. बड़ी संख्या में कैटरिंग कॉन्ट्रैक्टर हैं. ये पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.