लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे, सियासत और सोशल मीडिया में रविवार को हड़कंप मच गया. इसकी वजह एक आईपीएस दंपती थे. आईपीएस पति का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो घूस मांगते दिखे तो आईपीएस पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने मकान मालिक के घर पर कब्जा कर लिया. दोनो ही मामलों ने तूल पकड़ा तो छुट्टी के दिन डीजीपी मुख्यालय में हलचल मची और आननफानन दोनों ही मामलों में जांच कमेटी बैठा कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है.
Uttar Pradesh Police News : फिर विवादों में यूपी के IPS दंपती, DGP ने बैठाई जांच - उत्तर प्रदेश पुलिस न्यूज
उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे के आईपीएस दंपती की वजह से सियासत और सोशल मीडिया में रविवार को हड़कंप मच गया. आईपीएस पति का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो घूस मांगते दिखे वहींआईपीएस पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने मकान मालिक के घर पर कब्जा कर लिया.
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वीडियो में IPS अनिरुद्ध घूस मांगते दिखे : रविवार को सोशल मीडिया में अचानक एक 33 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ. दावा किया गया कि वीडियो में दिखाने वाला सख्स 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह हैं, जो एक व्यक्ति से वीडियो कॉल के दौरान 20 लाख रुपये की घूस मांग रहे थे. वीडियो में आईपीएस अनिरुद्ध एक व्यापारी से पूछ रहे हैं आज कितना भेज रहे हैं' फिर कहते हैं, 'मिनिमम 20 भेजिए'. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो की सच्चाई पता की गई तो सामने आया कि वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना तब का है जब अनिरुद्ध सिंह ASP चैतगंज, वाराणसी थे. इसी दौरान एक स्कूल के मालिक पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद ये वीडियो सामने आया था. उस दौरान अनिरुद्ध सिंह ने इसे ट्रैप बताया था.
दो साल पहले हुई जांच में मिली क्लीन चिट : वीडियो वायरल होते ही पुलिस मुख्यालय ने अनिरुद्ध सिंह को इंटेलिजेंस में बतौर ASP तैनात कर दिया गया. मुख्यालय के निर्देश पर वायरल वीडियो की जांच हुई और इसमें उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी. क्लीन चिट मिलते ही उनकी पोस्टिंग एएसपी फतेहपुर फिर एसपी मेरठ ग्रामीण कर दी गई. मौजूदा समय अनिरुद्ध मेरठ में ही तैनात हैं. रविवार को वीडियो वायरल हुआ तो मेरठ पुलिस की ओर से एक ट्वीट कर सफाई दी गई कि वीडियो का मेरठ से कोई संबंध नहीं है और यह दो साल पुराना है. यही नहीं इस वीडियो से संबंधित जांच भी पूर्ण हो चुकी है.
कांग्रेस व अखिलेश यादव ने IPS के सहारे सरकार को घेरा : पुलिस महकमे के एक अधिकारी का घूस मांगते वीडियो वायरल हुआ तो विपक्ष ने इस मौके को लपक लिया और कांग्रेस ने वीडियो पोस्ट कर ट्वीट करते हुए लिखा कि यह IPS अनिरुद्ध सिंह हैं, जो इन दिनों मेरठ में तैनात हैं. सरेआम एक व्यापारी से पूछ रहे हैं, 'आज कितना भेज रहे हैं?' फिर कहते हैं, 'मिनिमम 20 भेजिये.' यानी बिना लाग-लपेट 20 लाख का डिमांड. वैसे इतना धन अकेले पचाना है या खाकी-सफेदी से लेकर भगवाधारी तक सब मिलकर निगलने वाले हैं?
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी. उत्तर प्रदेश की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई.
IPS अनिरुद्ध की आईपीएस पत्नी पर भी लगे गंभीर आरोप : रविवार को सोशल मीडिया में 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल होते ही अचानक उनकी आईपीएस पत्नी आरती सिंह भी चर्चा में आ गईं. सोशल मीडिया में एक साल पहले या ही एक लेटर वायरल होने लगा जो वाराणसी की बिंदु पांडे ने डीजीपी को लिखा था. बिंदु पांडे ने डीजीपी को लेटर लिखते हुए बताया था कि वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में तैनात आईपीएस अधिकारी आरती सिंह ने अप्रैल 2021 में उनका घर किराए पर लिया था. जिसका एग्रीमेंट भी हुआ और 25 हजार रुपये किराया तय हुआ, लेकिन आईपीएस आरती सिंह न ही किराया दे रहीं और न ही घर खाली कर रहीं. यही नहीं अपने आईपीएस पति अनिरुद्ध सिंह का हवाला देते हुए धमकी देती हैं कि कुछ भी कर लो अब घर खाली नहीं होगा. आरती सिंह मौजूदा समय वाराणसी पुलिस कमीश्नरेट में डीसीपी के पद पर तैनात हैं.
वाराणसी कमिश्नर को DGP ने सौंपी IPS दंपती की जांच : सोशल मीडिया में दोनो ही आईपीएस अधिकारियों के वीडियो और कारनामे वायरल हुए तो देर शाम डीजीपी डीएस चौहान ने इसे संज्ञान में लिए और बयान जारी किया. डीजीपी ने कहा कि आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार की आरोप लग रहे हैं. हालांकि वीडियो दो वर्ष पुराना है फिर भी गंभीरता देते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नर को जांच दी गई है. डीजीपी ने आईपीएस आरती सिंह से भी संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लिया. डीजीपी ने बताया कि फिलहाल आईपीएस आरती सिंह द्वारा अपने मकान मालिक को पूरे किराया का भुगतान कर दिया गया है. फिर भी पुलिस कमिश्नर वाराणसी को इस मामले की भी जांच सौंपी गई है.
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