लखनऊ :बेटा आईपीएस और पिता हाल ही में हेड कांस्टेबल से दारोगा बने हैं. रस्म अदायेगी के लिए बेटे ने अपने पिता के कंधे पर स्टार लगाए और पिता ने आईपीएस बेटे को सैल्यूट किया. ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है. इसमें दिखने वाले आईपीएस मौजूदा समय एसपी टेक्निकल सेवा के पद पर तैनात हैं और पिता सीबीसीआईडी में हैं. ये कोई पहला मौका नहीं है जब इस पिता पुत्र की जोड़ी की कहानी सोशल मीडिया में चर्चा में आई है. इससे पहले जिस थाने में पिता कांस्टेबल थे, वहीं के एसपी बन कर बेटा चर्चा में आ चुका है.
परिवार के साथ आईपीएस अनूप सिंह आईपीएस बेटे का नाम है अनूप सिंह, जो साल 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. मौजूदा समय अनूप सिंह टेक्निकल सेवा में एसपी हैं. वहीं पिता जनार्दन सिंह सीबीसीआईडी में तैनात हैं, जो हाल ही में प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने हैं. प्रमोशन होने पर आमतौर पर विभागाध्यक्ष अपने मातहत के कंधे पर स्टार लगाता है, लेकिन खुद में अत्यधिक गर्व महसूस करने की लालसा रखे जनार्दन का जब प्रमोशन हुआ तो उन्हे अपने बेटे के हाथों अपने कंधे पर स्टार लगाने का फैसला किया. आईपीएस बेटे ने भी बेटे और सीनियर अधिकारी होने का कर्तव्य निभाते हुए पिता के कंधों पर स्टार लगाए.
आईपीएस अनूप सिंह व सीबीसीआईडी में सब इंस्पेक्टर जनार्दन सिंह. यह कोई पहली बार नहीं था जब आईपीएस बेटे और कांस्टेबल पिता की कहानी चर्चा में आई है. इससे पहले भी दोनों की खूब चर्चा हुई थी. दरअसल वर्ष 2018 में 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी अनूप सिंह की पोस्टिंग उन्नाव में थी और पिता जनार्दन सिंह लखनऊ के विभूतिखंड थाने में हेड कांस्टेबल थे. इसी बीच आईपीएस के ट्रांसफर हुए और अनूप सिंह की पोस्टिंग लखनऊ कर दी गई और उन्हें उसी इलाके का एसपी बनाया गया. जिसके अंतर्गत विभूतिखंड थाना आता था. लिहाजा अब अनूप सिंह घर पर पिता के पैर छू कर रोजाना ऑफिस जाने लगे और जनार्दन सिंह घर के बाहर बेटे को सैल्यूट करते.वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अनूप सिंह यूपी में बस्ती जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम जनार्दन सिंह है. पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में सीबीसीआईडी में सब इंस्पेक्टर हैं. अनूप के परिवार में माता पिता के अलावा उनकी पत्नी, एक भाई और एक बहन है. अनूप की शुरुआती पढ़ाई बाराबंकी जिले से हुई. उन्होंने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई बाराबंकी से की. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो दिल्ली चले गए. दिल्ली के जेएनयू से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इस दौरान ही इन्होंने जेआरएफ की परीक्षा दी और पास कर लिया. जेआरएफ पास करने के बाद इन्हें सरकार द्वारा स्कॉलरशिप मिलने लगी. अनूप परिवार की आर्थिक स्थिति को बहुत अच्छी तरह से समझते थे. अनूप ने अपनी सारी पढ़ाई हिंदी माध्यम से की थी. इसलिए यूपीएससी की शुरुआती पढ़ाई के समय उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. अनूप ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वे पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान सिविल सर्विसेज की तैयारी थे तो उन्हें किसी ने सही रास्ता नहीं दिखाया. हालांकि अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के दम पर वो मेहनत करते रहे.
119वीं रैंक पाकर बने IPS बने थे अनूप : अनूप ने साल 2014 की यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 119 वां स्थान प्राप्त किया था. उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल उन्होंने हिंदी मीडियम से देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास किया. अनूप के पिता ने उस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा था कि साक्षात्कार में बताया था कि बेटे के आईपीएस अधिकारी बनने पर उनके पूरे परिवार को गर्व है. अनूप सिंह उन्नाव और लखनऊ में बतौर एडिशनल एसपी तैनात रहे. उसके बाद उन्हें श्रावस्ती जिले की कमान सौंपी गई और एसपी श्रावस्ती बने. उसके बाद कुछ समय के लिए पुलिस मुख्यालय में तैनात होने के बाद उन्हें डीसीपी कानपुर बनाया गया. फिलहाल मौजूदा समय टेक्निकल सर्विस में एसपी के पद पर तैनात हैं.
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