लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सात माह बाद 1988 बैच के आईपीएस अफसर आनंद कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दी है. मार्च 2023 में नाराजगी के बाद जेल विभाग से हटाकर शंट किए गए आनंद कुमार को सीबीसीआईडी का प्रमुख बनाया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद जनवरी 2024 में अगले डीजीपी पद की रेस के लिए आनंद कुमार को एक बार फिर से सबसे आगे खड़ा देखा जा रहा है.
जनवरी 2024 में मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में नए स्थाई डीजीपी के लिए संभावित नामों पर चर्चा तेज हो गई है. इस बीच अब तक सबसे पीछे चल रहे 1988 बैच के आईपीएस आनंद कुमार अचानक चर्चा में आ गए हैं. 31 मार्च 2023 को जेल में बंद अपराधियों से हो रही अवैध मुलाकातों के चलते उनको डीजी जेल के पद से हटाकर सहकारिता प्रकोष्ठ भेजा दिया गया था.
IPS आनंद कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारीःलेकिन, आनंद कुमार को बुधवार को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार से सीबीसीआईडी का चार्ज लेकर आनंद कुमार को दिया गया है. माना जा रहा है कि सीबीसीआईडी में चल रही जांचों में हो रहे खेल की शिकायतें सीएम योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच रही थी. लिहाजा अब इसकी जिम्मेदारी सख्त अधिकारियों में शुमार आनंद कुमार को दी गई है.
जेल विभाग से क्यों हटाए गए थे आनंद कुमारः चित्रकूट जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी जेल में अय्याशी करने के साथ ही अवैध रूप से पत्नी निकहत बानो से मुलाकात करता था. यह मुलाकातें खुद जेल कर्मी करवा रहे थे. इसके अलावा उमेश पाल हत्याकांड की जांच में सामने आया था कि बरेली जेल में बंद अशरफ अंसारी से हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर जेल अधिकारियों की मिलीभगत से मुलाकात कर रहे थे.
बरेली जेल में रची गई थी उमेश पाल की हत्या की साजिशःयही नहीं उमेश पाल की हत्या करने की साजिश भी बरेली जेल में ही रची गई थी. इसके बाद यूपी की जेलों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराज होकर आनंद कुमार से महानिदेशक कारागार का अतिरिक्त चार्ज वापस लेते हुए प्रमुख सचिव को सौंप दिया था. साथ ही उन्हें आईजी जेल के पद से भी हटाकर सहकारिता प्रकोष्ठ भेज दिया गया था.
इतिहास के विद्यार्थी रहे हैं आनंद कुमारः मूल रूप से बिहार के पटना के रहने वाले IPS आनंद कुमार का जन्म 4 अप्रैल 1964 को हुआ था. उनके पिता एसके श्रीवास्तव सरकारी नौकरी में थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की. उच्च शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से प्राप्त की थी. आनंद कुमार ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन इतिहास से किया है. वर्ष 1988 में आनंद कुमार सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके आईपीएस बने.
हैदराबाद में मिली थी IPS आनंद कुमार को पहली पोस्टिंगःआनंद कुमार की पहली पोस्टिंग हैदराबाद में ट्रेनी एएसपी के पद पर हुई थी. उसके बाद वह एएसपी के तौर पर गोरखपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद में भी तैनात रहे. आनंद कुमार मुजफ्फरनगर, रायबरेली, मेरठ समेत कई जिलों में कप्तान रहे. डीआईजी रैंक मिलने पर वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे. इस दौरान वह एयरपोर्ट अथॉरिटी में बतौर सिक्योरिटी डायरेक्टर के पद पर भी रहे. यूपी वापस आने पर वो लखनऊ व सहारनपुर रेंज के डीआईजी भी रहे. बाद में प्रोन्नति होने पर उन्हें सहारनपुर आईजी भी बनाया गया.
आनंद कुमार डीजीपी के लिए प्रबल दावेदारः आनंद कुमार सख्त अधिकारियों में से एक माने जाते रहे हैं. वो लंबे समय तक एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर तैनात रहे हैं. तब यूपी में बिगड़ी कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का श्रेय आनंद कुमार को ही गया था. इसके बाद उन्हें जेल विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. यह वह समय था, जब जेलों को अपराधी अय्याशी का अड्डा बनाए हुए थे. जेल की जिम्मेदारी संभालते ही आनंद कुमार के कई सख्त फैसलों के चलते जेल व्यवस्था में काफी सुधार हुआ था. आनंद कुमार अगले डीजीपी पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. उनका रिटायरमेंट अप्रैल 2024 में है.
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