लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली इस सरकार का यह पांचवां और अंतिम बजट होगा. 2017 में सरकार के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुख्य फोकस युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ने पर रहा. पिछले साल बजट की बात करें इसके लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया.
यही नहीं उत्तर प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिले इसके लिए प्रदेश में बड़े जोर-शोर से इन्वेस्टर्स समिट किया गया. ग्राउंड जीरो सरेमनी भी हुआ. ऐसे में ईटीवी भारत आपको बताने की कोशिश कर रहा है कि उत्तर प्रदेश में बजट और तमाम अन्य तरह से विकास को लेकर किस प्रकार से प्रावधान हुए और विकास की रफ्तार कितनी स्पीड से चल रही है.
इन्वेस्टर्स समिट में चार लाख 28 हजार करोड़ के हुए थे निवेश के एमओयू
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की की नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार 2017 में बनी फरवरी 2018 में पहली बार बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया. इसमें चार लाख 28 हजार करोड़ के तमाम बड़ी कंपनियों की तरफ से विकास को लेकर एमओयू साइन किए गए. मुख्यमंत्री योगी के इस कदम की देश भर में वाहवाही मिली. ऐसे में जब अब सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने जा रही है तब प्रदेश में हो रहे औद्योगिक विकास पर चर्चा और जरूरी हो जाता है.
यह है काम की स्थिति, कितने पर चल रहा है कामकाज
उत्तर प्रदेश सरकार की माने तो अबतक राज्य में इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 4.28 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए और अबतक 43 फीसदी परियोजनाएं धरातल पर उतरने को तैयार हैं. यही नहीं 48707.49 करोड़ के 156 परियोजनाएं कार्यान्वित हो चुकी हैं, जबकि 63, 955 करोड़ की 174 परियोजनाएं प्रक्रिया में है. इनके अलावा 86261.90 करोड़ की 429 परियोजनाओं को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा चुकी हैं और निवेशक परियोजना शुरू करने की प्रक्रिया में हैं. इस प्रकार कुल 1,98, 924 करोड़ से अधिक की 759 परियोजनाओं पर काम चल रहा है.
औद्योगिक विकास मंत्री ने की बड़े निवेश के धरातल पर उतरने के दावे
उत्तर प्रदेश में पिछले करीब साढे़ 3 साल से अधिक समय में इन्वेस्टर्स समिट के एमओयू को लेकर धरातल पर उतरने को लेकर ईटीवी भारत ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से बात की. उन्होंने तमाम बड़े निवेश प्रस्ताव के धरातल पर उतरने के दावे किए और विस्तार से जानकारी दी. मंत्री ने दावा किया कि यूपी में निवेशकों को दी जा रही सहूलियत और सुविधाओं के चलते निवेशक प्रदेश में काम करने को लेकर खुश हैं.
एमओयू के बाद लगातार हो रही है मॉनिटरिंग, दी जा रही हैं सहूलियत
मामले पर ईटीवी ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से बात की. मंत्री ने कहा कि पहला इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश में हुआ था, जो मुझे लगता है कि पूरे देश में ऐसा इन्वेस्टर्स समिट नहीं हुआ. हम लोगों ने इन्वेस्टर्स समिट करके उसे छोड़ा नहीं. हमने उसके बाद ग्राउंड़ ब्रेकिंग सेरेमनी की, जिसका मतलब मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जिन इंडस्ट्रीज ने एमओयू साइन किए थे. उनके द्वारा अपनी फैक्ट्री को लेकर जमीन पर काम शुरू किया गया है. लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की इंडस्ट्रीज के एमओयू प्रस्ताव पर आज की तारीख में काम शुरू हो चुके हैं, उनके ऊपर या तो काम चल रहे हैं, जिसमें कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो गया है या फिर कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने की स्थिति में है लगातार उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है.
उद्यमियों के लिए 1097 भूखण्ड आवंटित
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से उद्यमियों को अपने उद्योग लगाने के लिए करीब 740 एकड़ भूमि दी गई है. जिसमें 1097 भूखंड आवंटित हुए हैं. सरकार के मुताबिक इन उद्यमियों को भूखंडों के आवंटन में पूरी पारदर्शिता अपनाई गई और उद्योगपतियों का सारा काम ऑनलाइन ही पूरा हुआ. भूखंड आवंटन या अन्य किसी काम के लिए विभागों के इधर-उधर चक्कर नहीं लगाने पड़े. जो एक बड़ी बात है.
28 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार देने का दावा
इन्वेस्टर्स समिट में जब भारी पैमाने पर एमओयू हुए और 4 लाख 28 हजार करोड़ निवेश करने को लेकर बड़ी कंपनियों की तरफ से बात हुई, तब सरकार ने उत्तर प्रदेश में 35 लाख रोजगार युवाओं को देने की बात कही गई थी. करीब 4 साल बाद उत्तर प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश धरातल पर उतरने के दावे सरकार ने किए हैं. ऐसी स्थिति में अब तक करीब 28 लाख से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धरातल पर उतर रही या उतरने की प्रक्रिया में शामिल बड़ी कंपनियों में रोजगार दिया गया है. औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 28 लाख युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया गया है. यह प्रक्रिया लगातार आगे चल रही है.
कोविड काल में भी आते रहे निवेशक, दो लाख से अधिक के प्रस्ताव पर काम चालू
कोविड-19 के संकट काल में भी बड़े पैमाने पर निवेशक उत्तर प्रदेश आए और करीब 45 हजार करोड़ रुपये के नए निवेश के प्रस्ताव सरकार को दिए हैं. 4 साल की सरकार में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों पर काम शुरू हो गया है. इनमें 750 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जो सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सरकार यह संदेश देने में सफल रही है कि यूपी एक बड़ा राज्य है, जहां पर उद्यमियों को सहूलियत और सुविधाएं मिल रही हैं.
विदेशी कम्पनियों की तरफ से भी खूब आए प्रस्ताव
कोविड के संकट काल के दौरान विदेशों से खूब निवेश के प्रस्ताव आए. जिनमें मुख्य रुप से जापान संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया सहित 10 देशों की कंपनियों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं.