लखनऊः अयोध्या में राम जन्मभूमि के आसपास जमीन खरीदने के मामले में अनियमितता और भ्रष्टाचार लगातार आरोप लग रहे हैं. इस मामले में विपक्ष भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में अधिकारियों और नेताओं द्वारा जमीन खरीद मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 22 दिसंबर 2021 को राजस्व विभाग के विशेष सचिव राधेश्याम मिश्र को 5 दिन में जांच रिपोर्ट शामिल करने की दिशा निर्देश दिए थे. लेकिन दो सप्ताह का समय बीत चुका है और सीएम का आदेश पूरी तरह से अफसरों पर बेअसर हो रहा है. ऐसे में सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति और अफसरों की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार अगर जांच रिपोर्ट में जमीन खरीद के मामले में किसी अधिकारी या बीजेपी से जुड़े नेताओं को दोषी साबित किया गया तो विधानसभा चुनाव में यह विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल जांच रिपोर्ट आगे नहीं बढ़ाई जा रही है. वहीं, इस मामले में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि जांच की जा रही है. जांच में कुछ नए तथ्य शामिल करने हैं, जांच रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री तक भेजी जाएगी. जांच में कुछ नए तथ्य शामिल करने की वजह से जांच रिपोर्ट भेजी नहीं जा सकी है.
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उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लल्लू सिंह सहित कई अन्य लोगों ने अयोध्या में जमीन खरीद के मामले में भारतीय जनता पार्टी की सरकार और कुछ अधिकारियों और बीजेपी से जुड़े नेताओं पर गलत तरीके से जमीन खरीद कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
इन पर है जमीन खरीद का आरोप
1. एमपी अग्रवाल, कमिश्नर अयोध्या
एमपी अग्रवाल नवंबर 2019 से अयोध्या के कमिश्नर हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इनके ससुर केशव प्रसाद अग्रवाल ने 10 दिसंबर, 2020 को बरहटा मांझा में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपये में 2,530 वर्गमीटर जमीन खरीदी. उनके बहनोई आनंद वर्धन ने उसी दिन उसी गांव में MRVT से 15.50 लाख रुपये में 1,260 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. कंपनी के रिकॉर्ड बताते हैं कि कमिश्नर की पत्नी अपने पिता की फर्म हेलमंड कॉन्ट्रैक्टर्स एंड बिल्डर्स एलएलपी में पार्टनर हैं.
2. दीपक कुमार, DIG अयोध्या
दीपक कुमार फिलहाल DIG अलीगढ़ हैं. वह 26 जुलाई, 2020 से 30 मार्च, 2021 के बीच अयोध्या के डीआईजी थे. इनकी पत्नी की बहन महिमा ठाकुर ने 1 सितंबर, 2021 को बरहटा मांझा में 1,020 वर्गमीटर MRVT से 19.75 लाख रुपये में खरीदा था.
3. इंद्र प्रताप तिवारी, विधायक
आरोप है कि इन्होंने 18 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 2,593 वर्ग मीटर MRVT से 30 लाख रुपये में जमीन खरीदी. 16 मार्च 2021को उनके बहनोई राजेश कुमार मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर सूरज दास से बरहटा माझा में 6320 वर्ग मीटर 47.40 लाख रुपये में जमीन ली.
4. पुरुषोत्तम दास गुप्ता , मुख्य राजस्व अधिकारी
पुरुषोत्तम दास गुप्ता 20 जुलाई 2018 से 10 सितंबर 2021 के बीच अयोध्या के मुख्य राजस्व अधिकारी रहे हैं. अब गोरखपुर में एडीएम (ई) हैं. उनके साले अतुल गुप्ता की पत्नी तृप्ति गुप्ता ने अमरजीत यादव नाम के एक व्यक्ति के साथ साझेदारी में 12 अक्टूबर 2021 को बरहटा मांझा में 1,130 वर्ग मीटर MRVT से 21.88 लाख रुपये में जमीन खरीदी.
5. वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक
आरोप है कि विधायक के भतीजे तरुण मित्तल ने 21 नवंबर 2019 को बरहटा मांझा में 5,174 वर्ग मीटर रेणु सिंह और सीमा सोनी से 1.15 करोड़ रुपये में खरीदा था. 29 दिसंबर 2020 को उन्होंने जगदंबा सिंह और जदुनंदन सिंह से 4 करोड़ रुपये में मंदिर स्थल से लगभग 5 किमी दूर, सरयू नदी के पार अगले दरवाजे महेशपुर (गोंडा) में 14,860 वर्गमीटर जमीन खरीदी.
6. उमाधर द्विवेदी, पूर्व आईएएस अधिकारी