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Baba Vishwanath: वीवीआईपी आवभगत में कर्जदार हो गए बाबा विश्वनाथ, अब जांच में होगा दूध का दूध पानी का पानी - ओवरड्राफ्ट एचडीएफसी बैंक

बाबा विश्वनाथ ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक से एक प्रतिशत की दर से कर्ज लिया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने बाबा विश्वनाथ को कर्जदार बना दिया है. वहीं, अब विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच के आदेश दिए है.

बाबा विश्वनाथ
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Published : Mar 2, 2023, 9:03 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 10:58 PM IST

वीवीआईपी आवभगत में कर्जदार हो गए बाबा विश्वनाथ

लखनऊ: प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और अनेक वीआईपी की आवभगत में काशी के बाबा विश्वनाथ कर्जदार हो गए हैं. इस संबंध में शासन स्तर पर जांच शुरू हो गई है. बाबा विश्वनाथ ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक से एक प्रतिशत की दर से कर्ज लिया है. बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह पर करीब 2.57 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा कर्ज लिए जाने के मामले में समाजवादी पार्टी की ओर से पूछे गए सवाल पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सरकार को जांच कराने का आदेश दिया है. आरोप है कि नियमों के विपरीत ट्रस्ट की ओर से कर्ज लिया गया था. जिससे ट्रस्ट को काफी नुकसान हुआ है.

काशी के बाबा विश्वनाथ

समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने बाबा विश्वनाथ को कर्जदार बना दिया है. सरकार ने इस आरोप का बचाव करते हुए कहा कि मंदिर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह कर्ज लिया गया था. एफडी को न तोड़ते हुए सरकार ने उसके विपरीत केवल एक प्रतिशत की दर से कर्ज लिया था. इस संबंध में समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के जनवरी 2017 से 1 दिसंबर 2020 के समय विभिन्न बैंकों में अनेक फिक्स डिपाजिट थे. विभिन्न मदों में काफी धनराशि व्यय की गई थी. वर्ष 2019 से 2020 तक एचडीएफसी बैंक से लोन लिया गया था. जिसमें तमाम खर्चों को पूरा करने के लिए 4.75 करोड़ का ओवरड्राफ्ट एचडीएफसी बैंक से लिया गया था. जिस पर बैंक की ओर से केवल 1% ब्याज लिया गया. एमएलसी आशुतोष सिन्हा का आरोप है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आने पर भी काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ही खर्च करता है. ऐसे में बाबा विश्वनाथ को कर्जदार बनाया जा रहा है. सरकार अपनी ओर से कुछ खर्च नहीं कर रही और प्रचार जमकर कर रही.

बाबा विश्वनाथ

वहीं, अब सपा नेता के इस बयान पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र सिंह ने पलटवार किया है. कहा कि 2019 से 2020 में वैश्विक महामारी के बावजूद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद कारीडोर का निर्माण चल रहा था. जिसमें 6 माह तक आम लोगों के लिए विश्वनाथ मंदिर बंद था. अगर हम यह एफडी तोड़वा लेते तो हमको प्रतिवर्ष 7% ब्याज का नुकसान होता है. ऐसे में खर्च उठाने के लिए हमको यह करना पड़ा. इस आरोप को लेकर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच के आदेश दिए है. सरकार ने भी जांच के आदेश को स्वीकार कर लिया है.

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Last Updated : Mar 2, 2023, 10:58 PM IST

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