लखनऊ: उत्तर प्रदेश में टेक्निकल शिक्षा की बात करें तो हर साल सभी सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थानों से प्रदेश भर में तकरीबन एक लाख से अधिक छात्र और छात्राएं पास आउट होकर डिप्लोमा प्राप्त करते हैं. इस बीच सबसे बड़ा टास्क उन बच्चों को अपने भविष्य में प्लेसमेंट को लेकर रहता है. इस विषय पर ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश सरकार की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी से खास बातचीत की.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्राविधिक शिक्षा मंत्री से की खास बातचीत. पॉलिटेक्निक छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहा रोजगार
प्रदेश में जहां बेरोजगारी की समस्या चरम पर है, वहीं सरकारी राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों से तकरीबन एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पास आउट होकर रोजगार की तलाश में निकलते हैं. उनके लिए सबसे बड़ा टास्क तब साबित होता है, जब डिप्लोमा लेकर उनको रोजगार नहीं मिलता.
प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने कहा
उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी ने कहा है कि हमारी सरकार शिक्षा को लेकर प्रयास कर रही है. प्रदेश भर में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों से पास आउट छात्रों के लिए हम यह प्रयास कर रहे हैं कि 90% छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट मिले, लेकिन टेक्निकल का मतलब अपने आप में एक हुनर अगर उन बच्चों के पास वो टेक्निक है तो वह किसी दूसरे की नौकरी के मोहताज न होकर अपना काम भी खोल सकते हैं. इससे अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं. प्रदेश में तमाम नए राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण पूरे हो चुके हैं. इन कॉलेजों के हैंड ओवर पर किए जाने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही हम इन कॉलेजों को हैंड ओवर कर देंगे.
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