लखनऊ: उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण राज्यमंत्री सुनील भराला ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने श्रम कानून के साथ खिलवाड़ नहीं किया है. सरकार ने मजदूरों के हित में श्रम कानून में संशोधन किया है. श्रम कानून के संशोधन को विपक्ष के लोग गलत प्रचारित कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए श्रम कल्याण राज्यमंत्री ने बताया कि तीन वर्ष के लिए श्रम कानूनों को सस्पेंड करना इसलिए आवश्यक हो रहा है कि राज्य में हम रोजगार के साधन बढ़ाएं. ताकि जो प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों से प्रदेश में आ रहे हैं, विदेशों से भी आएंगे तो उनको भूखा न रहने दिया जाए और उन्हें रोजगार देने में हम सफलता प्राप्त कर सकें. इसलिए अध्यादेश लाया गया है. कोई कानून खत्म नहीं किया गया है, उन्हें केवल निष्क्रिय किया गया है.
'रोजगार बढ़ाने के लिए श्रम कानून में किया गया संशोधन'
श्रम कल्याण राज्यमंत्री ने बताया कि राज्य में रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए सरकार ने श्रम कानून में संशोधन किया. राज्य में किसी कानून को खत्म नहीं किया गया, कुछ समय के लिए निष्क्रिय किया गया है. उन्होंने बताया कि आठ घंटे काम करने के बाद जो 12 घंटे काम करेगा, उसका अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा. ये सिर्फ तीन महीने के लिए किया गया है. केवल कोविड-19 महामारी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है.