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क्राइम कंट्रोल प्लान 'सीबीपीएस' को लेकर डीसीपी चारू निगम से खास बातचीत

राजधानी लखनऊ में क्राइम को रोकने के लिए सीबीपीएस प्लान बनाय गया है. कमिश्नर सुजीत पांडेय के निर्देशों पर इस प्लान को तैयार करने में डीसीपी ट्रैफिक चारू निगम की अहम भूमिका है. ऐसे में यह प्लान क्या है और यह किस तरह से काम करेगा. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने चारू निगम से खास बातचीत की.

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Published : Jun 3, 2020, 4:57 PM IST

डीसीपी चारू निगम
डीसीपी चारू निगम

लखनऊ: क्राइम कंट्रोल करने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के निर्देश व डीसीपी ट्रैफिक चारू निगम के प्रयासों के तहत एक खास प्लान तैयार किया गया है. इस प्लान को 'साइंटिफिक बीट पेट्रोलिंग सिस्टम' (सीबीपीएस) नाम दिया गया है. हालांकि, इस प्लान को पॉलिकन (बहुभुज) के नाम से भी बुलाया जा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करतीं डीसीपी चारू निगम.

डीसीपी चारू निगम ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि लखनऊ में क्राइम कंट्रोल करने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है. इस प्लान को साइंटिफिक बीट पेट्रोलिंग सिस्टम कहा जाएगा. इस प्लान के तहत एक पूरी कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसको जमीन पर उतारा जाएगा. इस प्लान का प्रभाव यह रहेगा की लखनऊ में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधियों का बच निकलना मुश्किल होगा.

लगाए जाएंगे 250 स्थाई बैरिकेड
प्लान को जमीन पर उतारने के लिए सात कॉरिडोर का निर्माण किया गया है. यहां पर 250 स्थाई बैरिकेड लगाए जाएंगे. इसी के साथ कॉरीडोर से जुड़े हुए 206 पॉलीगन (बहुभुज) बीट का निर्धारण किया गया है, जहां पर थानों के पुलिस कर्मचारी जीपीएस लगी चीता मोबाइल व मॉनिटरिंग ऐप के साथ तैनात रहेंगे. शहर में अगर कोई आपराधिक घटना होती है तो हम कंट्रोल रूम से सभी को सूचना भेजेंगे, जिसके बाद सभी अपने क्षेत्र में एक्टिव हो जाएंगे.

नहीं भाग सकेंगे अपराधी
लखनऊ की उन सड़कों को कॉरिडोर के तौर पर निर्धारित किया गया है, जिनका प्रयोग किए बगैर शहर से बाहर नहीं जाया जा सकता. आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी अगर शहर से बाहर भागने की कोशिश करेगा तो उसे कॉरिडोर पर लगे बैरियर से होकर गुजरना पड़ेगा, जहां पर हम उसे पकड़ सकते हैं. वहीं अगर अपराधी ने शहर में छुपने की कोशिश की तो हमारे पॉलीगन मैं तैनात पुलिस कर्मचारी उसे गिरफ्तार कर लेंगे.

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पुलिस की गतिविधियों पर नजर
इस प्लान के तहत 7 कॉरिडोर पर 135 चार पहिया वाहनों को सक्रिय किया जाएगा. वहीं पॉलिगंस में 106 दोपहिया वाहनों को सक्रिय किया जाएगा. 35 अन्य चार पहिया वाहनों को पॉलीगन कॉरिडोर पर सक्रिय रखा जाएगा, जिससे आवश्यकता पड़ने पर एक जगह पर एकत्रित किया जा सके. चारू निगम ने बताया कि जहां एक ओर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए प्लान तैयार किया गया है. वहीं पुलिस कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं और ड्यूटी पर लापरवाही तो नहीं कर रहे हैं. इसका ध्यान रखने के लिए खास तरह का ऐप तैयार किया गया है.

सभी गाड़ियों में जीपीएस
इस मॉनिटर ऐप की मदद से हम पुलिस कर्मचारियों की लोकेशन को ट्रेस करेंगे, जिससे हमें पता चल जाएगा कि जिस कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाया गया है व ड्यूटी पर तैनात है या नहीं. कॉरिडोर पर तैनात होने वाली सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाया जाएगा, जिससे कि उनकी लोकेशन ट्रेस की जा सके. कंट्रोल रूम से हम सभी वाहनों व पुलिस कर्मचारियों पर नजर रखेंगे. शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फीड भी कंट्रोल रूम को प्राप्त होगी. ऐसे में हम कंट्रोल रूम की फीड को ऐप की मदद से संबंधित पुलिस कर्मचारियों तक भी दे देंगे, जिससे उन्हें आरोपी को पकड़ने में मदद मिल सके.

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