लखनऊ: राजधानी के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मिले आईटीबीपी जवान मनोज यादव के शव के पास जहर की पुड़िया मिलने से मामला हत्या की ओर इशारा कर रहा था. इस मामले में पुलिस ने मृतक के मित्र अरुण यादव और उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर लगभग 48 घंटे तक पूछताछ की, लेकिन 48 घंटे की पूछताछ के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग नहीं लग सके हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान तो पाए गए हैं, लेकिन उससे हत्या की पुष्टि नहीं हो पाई है. इसलिए विसरा को सुरक्षित रखा गया है और मामले की तफ्तीश और तेज कर दी गई है. पुलिस के साथ ही आईटीबीपी के अधिकारी भी घटना से संबंधित साक्ष्य इकट्ठा करने में मदद कर रहे हैं. वहीं मित्र की पत्नी के अनुसार, जवान घटना की रात उसके घर के बाहर आकर उससे प्यार का इजहार कर रहा था.
दरअसल, बीते बुधवार की रात को आईटीबीपी के जवान मनोज यादव का शव अतरौली गांव के अर्ध निर्मित मकान में पाया गया था. मृतक के आस-पास जहर की पुड़िया भी बरामद हुई थी. इतना ही नहीं मृतक की बुधवार को कानपुर में ड्यूटी भी ज्वाइन करनी थी, लेकिन उससे पहले ही उसके मौत की सूचना आईटीबीपी कार्यालय कानपुर पहुंच गई थी. मृतक राजस्थान के जिला अलवर का रहने वाला था. मनोज यादव मोहनलालगंज के अतरौली स्थित आईटीबीपी मुख्यालय में तैनात जवान अरुण यादव के घर आया हुआ था, जहां पर उसके मकान से सटे हुए अर्ध निर्मित मकान में मनोज यादव का शव पाया गया था.
एडीसीपी दक्षिणी पूर्णेन्दु सिंह की माने तो मृतक के परिजनों की तरफ से हत्या की तहरीर दी गई है, जिसमें उसके मित्र अरुण यादव उसकी पत्नी दीपिका पर उधार में लिए गए लाखों रुपये मांगने पर हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले की तहकीकात करने के लिए अरुण और उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में अभी तक कुछ अहम सुराग हाथ नहीं लगा है. फिलहाल जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है, उसमें भी हत्या की पुष्टि नहीं हो पाई है, जिसके लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है.
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