लखनऊ :आयुष कॉलेजों में एडमिशन घोटाले (Admission scam in Ayush colleges) की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने आयुष कॉलेजों के प्रबंधकों व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ की है. एजेंसी ने यह पूछताछ गाजीपुर में जाकर की है. यही नहीं एजेंसी आयुष निदेशालय के और भी अधिकारियों से पूछताछ करने के लिए नोटिस भेज चुकी है.
आयुष एडमिशन घोटाले की जांच में फिर से आई तेजी, कॉलेजों के प्रबंधकों व अभ्यर्थियों से हुई पूछताछ
आयुष कॉलेजों में एडमिशन घोटाले (Admission scam in Ayush colleges) की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने आयुष कॉलेजों के प्रबंधकों व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एडमिशन लेने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ की है. एजेंसी ने यह पूछताछ गाजीपुर में जाकर की है.
एसटीएफ ने एक बार फिर इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए पूछताछ का दौर शुरू किया है. सूत्रों के मुताबिक, आयुष कॉलेजों के दो प्रबंधकों से पूछताछ करने के बाद जल्द ही एजेंसी आयुष निदेशालय के कुछ और कर्मचारियों व अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. इसके लिए एजेंसी उन्हें नोटिस भेज चुकी है.
दरअसल, 4 नवंबर को आयुर्वेद निदेशक एसएन सिंह ने राजधानी की हजरतगंज कोतवाली मे मुकदमा दर्ज करवाया था. एफआईआर में काउंसलिंग के लिए नामित कार्यदायी संस्था अपट्राॅन पावरट्रॉनिक्स लिमिटेड, नामित वेंडर वी-3 सॉफ्ट सॉलूशंस तथा उसके प्रतिनिधि कुलदीप सिंह और अज्ञात को नामजद किया गया था. एफआईआर दर्ज होते ही एसएन सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. उमाकान्त यादव, वित्त लिपिक राजेश कुमार निलंबित कर दिए गए थे, यही नहीं हेराफेरी कर एडमिशन लेने वाले सभी 819 अभ्यर्थियों को भी निलंबित कर दिया गया था. इस मामले की जब एसटीएफ ने जांच शुरू की तो नीट की मेरिट और रैंकिंग में बदलाव का डेटा एसटीएफ के हाथ लगा तो मामला खुलने लगा, जिसके बाद निलंबित आर्युवेद निदेशक एसएन सिंह, नोडल अधिकारी उमाकांत व कुलदीप समेत 14 लोगों को जेल भेज दिया गया.
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