लखनऊ:हर साल 25 नवंबर को यूनाइटेड नेशन्स द्वारा एक दिवस मनाया जाता है. यह दिवस इंटरनेशनल डे फॉर एलिमिनेशन ऑफ वायलेंस अगेंस्ट वूमेन के नाम से मनाया जाता है. इस दिन की महत्ता महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चलाए जाने वाले अभियान के लिए खास मानी जाती है. इस बारे में एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) की कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
ईटीवी भारत ने कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा से की बातचीत
आली की कार्यकारी निदेशक रेनू मिश्रा ने बताया कि आजादी के 70 वर्ष पूरे हो चुके हैं. संविधान हम महिलाओं को बराबरी और आजादी का हक देता है. हमारे लिए कई ऐसे नियम और कानून बनाए जा चुके हैं जो महिलाओं की सुरक्षा और हमारे खिलाफ होने वाले अन्याय के लिए बने हैं. इसके बावजूद यह सारे नियम धरातल पर नहीं हैं. महिलाएं इस बारे में जानती भी नहीं हैं. घरों में महिलाओं के साथ हिंसा होती है पर हम कुछ नहीं कर सकते. घर के बाहर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.