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गोरखपुर व वाराणसी में होगा एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर का निर्माण - lucknow news

सीएम योगी ने गोरखपुर और वाराणसी में मण्डल स्तर पर एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न मण्डलों में स्थित मण्डलायुक्त कार्यालयों पर विभिन्न मण्डलीय कार्यालयों से आने-जाने में समय और खर्च अधिक होता है. मण्डलीय कार्यालय विभिन्न स्थान पर संचालित होने के कारण इनके मध्य समन्वय भी ठीक से नहीं हो पाता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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Published : Dec 13, 2020, 9:41 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर और वाराणसी में मण्डल स्तर पर एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया है. कार्यालयों के निर्माण के लिए संबंधित प्राधिकरण नोडल एजेंसी को नामित किया गया है. साथ ही विभिन्न प्रकरणों के नियमानुसार निर्णय लेने के लिए मण्डल स्तरीय/राज्य स्तरीय समितियां होंगी.

यह मण्डलीय कार्यालय पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निर्मित किए जाएंगे. इस संबंध में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन की तरफ से आयुक्त गोरखपुर व वाराणसी मण्डल को पत्र लिखकर लिए गए निर्णयों से अवगत कराकर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं. इन कार्यालयों के निर्माण के लिए शीघ्र डीपीआर तैयार कर परियोजना क्रियान्वित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

दुरुस्त होगी कार्यालय के भवनों की स्थिति
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न मण्डलों में स्थित मण्डलायुक्त कार्यालयों पर विभिन्न मण्डलीय कार्यालयों से आने-जाने में समय और खर्च अधिक होता है. मण्डलीय कार्यालय विभिन्न स्थान पर संचालित होने के कारण इनके मध्य समन्वय भी ठीक से नहीं हो पाता है. साथ ही मण्डल स्तरीय कार्यालयों में स्थान की आवश्यकता एवं उपलब्धता में असमानता के साथ-साथ नई तकनीकी सुविधाओं की भी कमी है.

अधिकांश कार्यालय किराए के भवन में चल रहे हैं या कार्यालय भवनों की स्थिति खराब है, जिससे कार्यालय का वातावरण भी प्रभावित होता है. गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर के निर्माण के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे. नोडल एजेंसी के कार्यों एवं दायित्वों के तहत मण्डल स्तर पर पुराने भवन/परिसर व अन्य भूमि का पुनर्विकास किया जाएगा. उनके मुद्रीकरण से राजस्व प्राप्त किया जाएगा. पुराने भवनों के स्वामित्व की खाली भूमि पर भी नई परियोजनाओं का विकास कर राजस्व प्राप्त किया जाएगा.

तैयार किया जाएगा डीपीआर
प्रवक्ता ने बताया कि मण्डल स्तर पर एकीकृत सरकारी कार्यालय परिसर परियोजना के आधार पर डीपीआर तैयार किया जाएगा. इस कार्य के लिए नोडल एजेंसी नियमानुसार कंसलटेंट नियुक्त कर सकेगी. परियोजना पर व सभी खाली जमीन/भवन के पुनर्विकास पर मण्डल स्तरीय समिति के माध्यम से राज्य स्तरीय समिति का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा. एकीकृत कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य तीन वर्षों के अंदर पूरा होना है.

समिति में ये विभाग होंगे शामिल
मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति गठित की गई है. जिलाधिकारी (मण्डल मुख्यालय), मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन, सहयुक्त नियोजक (सीटीसीपी कार्यालय), उपमहानिरीक्षक निबंधन, अध्यक्ष द्वारा नामित लैण्ड मोनेटाइजेशन एण्ड रीडेवलपमेंट के विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे. उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण समिति के सदस्य एवं संयोजक होंगे.

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