लखनऊ : एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (Integrated Grievance Redressal System) की शिकायतों को गंभीरता से न लेने और निपटारे में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा बैठक में लापरवाही बरतने वाले करीब आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए स्पष्टीकरण से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय की और से नियुक्ति विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, गृह विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग और नगर विकास विभाग को पत्र जारी करते हुए लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई कर अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं.
स्पष्टीकरण नोटिस जारी करने के निर्देश :मुख्यमंत्री सचिव अमित सिंह ने बताया कि 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईजीआरएस की शिकायतों के निपटारे में लापरवाही को संज्ञान में लिया है. उन्होंने शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस पर नियुक्ति विभाग को कानपुर नगर की तहसील नर्वल में शिकायतकर्ता की फाइल गायब होने के आठ माह बाद भी अपर जिलाधिकारी द्वारा तत्कालीन पेशकार अनुज त्रिपाठी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनको दोषी पाया गया था. इस पर अपर जिलाधिकारी को स्पष्टीकरण नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं. इसी तरह सुल्तानपुर के ग्राम सलाहपुर, ब्लॉक भदैया में प्रधान सचिव पर घूस न देने के कारण अपात्र को प्रधानमंत्री आवास की पहली किश्त जारी करने की शिकायत पर संबंधित ग्राम विकास अधिकारी को मध्यावधिक प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की गई, लेकिन खंड विकास अधिकारी द्वारा मामले को मांग श्रेणी में फ्लैग करते हुए स्पेशल क्लोज कर दिया गया. इससे शिकायतकर्ता को फीडबैक देने का विकल्प समाप्त हो गया, जो शासनादेश का उल्लंघन है. इस पर ग्राम्य विकास विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से खंड विकास अधिकारी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं, वहीं कुशीनगर में ग्राम पंचायत की निर्माणाधीन सड़क को अधूरा छोड़ने की शिकायत के निस्तारण में खंड विकास अधिकारी द्वारा लापरवाही पर खंड विकास अधिकारी मोतीचक को स्पष्टीकरण नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.