लखनऊ:मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण बैठक खासकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गायब रहने वाले अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है. शासन की तरफ से ऐसे अफसरों को चिह्नित करते हुए कार्रवाई के संकेत तो दिए ही गए हैं. भविष्य में होने वाली चीफ मिनिस्टर और चीफ सेक्रेटरी की बैठक में इनका आना अनिवार्य किया गया है.
बैठक में न आने वाले अधिकारियों को दी चेतावनी
बैठक में उपस्थिति अनिवार्य करते हुए हिदायत दी गई है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में न आने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चयनित योजनाओं की पूरी रिपोर्ट और जानकारी के साथ बैठक में आना अनिवार्य किया गया है. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न करने की चेतावनी भी दी गई है.
सीएम और सीएस की मीटिंग से गायब रहे तो होगी कार्रवाई. अधिकारियों को नहीं होती योजनाओं की प्रगति की जानकारी
दरअसल, पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण बैठक खासकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी खुद न जाकर अपने मातहत अधिकारियों को भेज देते हैं. इसको लेकर वह मुख्य सचिव और शासन के स्तर पर बैठक में पहुंचने वाले अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी नहीं होती. इससे बैठक में असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसको लेकर कई बार दिशा-निर्देश भी जारी किए गए, लेकिन वरिष्ठ अफसरों की तरफ से लगातार नजरअंदाज करते हुए बैठकों में जाना मुनासिब नहीं समझा जाता.
अधिकारियों को दिए गए ये निर्देश
अब शासन स्तर पर कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के अपर मुख्य सचिव कुमार कमलेश की तरफ से सभी वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री की होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल कराए जाने वाली योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट अब ऑनलाइन लेनी होगी. साथ ही अगर किसी कारण से वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हो पाते इसकी जानकारी प्राप्त करें, लेकिन बैठकों में वरिष्ठ अफसरों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है.
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शासन के सूत्र बताते हैं कि मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों के बैठकों में शामिल न होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा शासन की तमाम महत्वपूर्ण योजनाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कराने के लिए कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करने होंगे. इसके लिए वेबसाइट पर लॉगिन कर मुख्य सचिव इसी लिंक पर जाकर योजनाएं शामिल करने का अनुरोध करना होगा.
यूजर पासवर्ड पूर्व में ही विभागों को दिए जा चुके हैं. विभिन्न योजनाओं को शामिल करने का अनुरोध किया है. उसे शामिल करने की मंजूरी विभागीय योजनाओं की नवीनतम रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को पहले ही देनी होगी. इसी नवीनतम रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तर पर योजनाओं के कामकाज को लेकर जिलों की संयुक्त रैंकिंग रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके बाद फिर बेहतर काम न करने वाले फिसड्डी जिलों की सूची तैयार करते हुए उन्हें अलग से दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही गई है.