लखनऊ : इटौंजा क्षेत्र के सीतापुर रोड के नेवादा गांव (Nevada Village) के पास धान से भरा ओवरलोड ट्रक (overload truck) सड़क किनारे रखी गुमटी पर पलटा गया. ट्रक पलटने से गुमटी में सो रहे पिता-पुत्र ट्रक के नीचे दबे गए. दुर्घटना में मौके पर दो साल के मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. पिता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और कंडक्टर (Truck Drivers & Conductors) को हिरासत में लेकर मुकदमा पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
सीतापुर रोड पर गुमटी पर पलटा धान से लदा ओवरलोड ट्रक, दुर्घटना में 2 साल के मासूम की दर्दनाक मौत - Innocent death in accident
इटौंजा क्षेत्र के सीतापुर रोड के नेवादा गांव के पास धान से भरा ओवरलोड ट्रक (overload truck) सड़क किनारे रखी गुमटी पर पलटा गया. ट्रक पलटने से गुमटी में सो रहे पिता-पुत्र ट्रक के नीचे दबे गए. दुर्घटना में मौके पर दो साल के मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. पिता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
शुक्रवार सुबह राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड पर स्थित इटौंजा थाना क्षेत्र (Itaunja police station area) के नेवादा गांव (Nevada Village) के पास सीतापुर की ओर जा रहा धान से भरा एक ओवरलोड ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे रखी गुमटी पर पलट गया. ट्रक पलटने से गुमटी में सो रहे पिता-पुत्र दब गए. आवाज सुनकर आसपास पड़ोस के दुकानदार इकट्ठा हो गए और दुकानदारों की मदद से धान की बोरियों को हटाकर नीचे दबे पिता-पुत्र को निकाला गया. हालांकि इस दौरान दो साल के मासूम बच्चे की मौत हो चुकी थी. जबकि पिता राज बहादुर को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर रेफर किया गया है. जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
बता दें, पिछले दिनों परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि ओवरलोड वाहनों (overloaded vehicles) के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोका जाए. इसके लिए ओवरलोड वाहनों (overloaded vehicles) पर रोक लगाने के लिए अभियान भी चलाए जाने की बात कही गई थी. बावजूद इसके परिवहन विभाग के अधिकारी इस पर कोई भी ठोस कदम उठाते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं लिहाजा जिसके चलते कहीं ना कहीं ओवरलोड वाहनों के चलते लगातार इस तरह की सड़क दुर्घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं अब ऐसे में देखना यह है कि आखिर इन घटनाओं पर कब रोक लगेगी.