लखनऊ :वैवाहिक सीजन शुरू होने से सब्जियों की मांग बढ़ गई है और ठंढ की वजह से आवक कम हो रही है. इससे थोक और फुटकर बाजार में सब्जियों के दाम फिर बढ़ रहे हैं. हालात यह हैं कि लोगों को सब्जियों की खरीदी के लिए मुंह मांगे दाम चुकाने पड़ रहे हैं. व्यापारी थोक और फुटकर बाजार में सब्जी उत्पादक किसानों और सब्जियों की कम आवक को वजह बता रहे हैं. मंगलवार 24 जनवरी को मंडियों में सब्जियां इन दामों पर बिकीं.
Inflation on green vegetables : आवक कम और मांग ज्यादा होने से बढ़े सब्जियों के दाम, व्यापारी बता रहे यह वजह - arrival of green vegetables decreased
थोक और फुटकर बाजार में किसानों के कम आने से हरी सब्जियों के दाम (Inflation on green vegetables) एक फिर बढ़ने लगे हैं. इसके अलावा वैवाहिक सीजन शुरू होने की वजह से भी सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. व्यापारियों की मानें तो थोक और फुटकर बाजार में क्षेत्रीय किसानों का माल नहीं आने से दाम बढ़ रहे हैं.
थोक और फुटकर बाजार में बड़े पैमाने पर हरी और अन्य सब्जियों की आवक ग्रामीण क्षेत्र से होती है. गांव-कस्बों से भी सब्जी की आवक होती है. अच्छी आवक होने पर लोगों को सब्जियां किफायती दामों पर मिल जाती हैं, लेकिन ठंड और वैवाहिक सीजन शुरू होने के कारण बाजार में सब्जियों की मांग बढ़ गई है. इससे दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले 50 से 100 रुपये के अंदर जरूरत के अनुसार हरी और अन्य सब्जियां मिल जाती थीं. अब उनके लिए 150-200 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं. कुछ दिनों पहले तक टमाटर व लौकी 10 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था. अब इसकी कीमत 20-25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. इसी तरह अन्य सब्जियों के दाम में भी 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है.
वर्तमान में यह चल रहे मंडी के थोक भाव मटर 18 रुपये करेला 40 रुपये किलो, पालक 18 रुपये किलो, खीरा 20 रुपये किलो, भिंडी 70 रुपये किलो, गाजर 15 रुपये किलो, शिमला मिर्च 20 रुपये किलो, आलू (नया) 8 रुपये किलो, गोभी 10 रुपये पर पीस, टमाटर 25 रुपये किलो, मिर्ची 30 रुपये किलो, प्याज 20 रुपये किलो, लहसुन 25 रुपये किलो, बैंगन (भांटा) 20 रुपये किलो, पत्तागोभी 10 रुपये किलो सेम 25 रुपये किलो, कद्दू 10 रुपये किलो, लौकी 20 रुपये किलो, परवल 30 रुपये किलो और नीबू 25 रुपये किलो थोक के भाव में बिक रहा है.