लखनऊ:उन्नाव में बीते शनिवार को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस और किसान के बीच हुई थी. इस घटना के बाद सरकार ने सामने आकर कहा है कि यह पूरा प्रकरण राजनीतिक है. कुछ लोग इसे गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई इससे इतर है. आंदोलन उन लोगों ने शुरू किया जिनका इस भूमि से कोई लेना देना नहीं है. सभी किसानों को उनकी अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का पूरा भुगतान किया जा चुका है.
2014-15 में शुरू हुई थी परियोजना
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मंगलवार को कहा कि 2014-15 में उन्नाव में ट्रांस गंगा टाउनशिप परियोजना शुरू हुई थी. सपा सरकार ने लोगों को ट्रांस गंगा टाउनशिप का सपना दिखाया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजना को शुरू किया था.
किसानों ने जमीन देने से कर दिया इनकार
उन्नाव में किसानों से इस योजना के तहत भूमि अधिग्रहण किया गया था. इसके एवज में उन्हें 237 करोड़ रुपये भी दिए गए. योजना में 1786 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन सरकार और निर्माण एजेंसियों की गड़बड़ी की वजह से ग्राहकों का विश्वास उठ गया और इनमें से 780 लोगों ने अपनी जमीन देने से मना कर दिया. सब गंवाने के डर से इन ग्राहकों ने कहा कि 25 फीसद पैसा काटकर बाकी की धनराशि वापस कर दी जाए, इस पर सहमति भी बन गई.