लखनऊ:अयोध्या विवाद के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ, चैरिटेबल हॉस्पिटल, रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन जैसे पब्लिक फैसिलिटी भवन का निर्माण करेगा. ट्रस्ट ने 26 जनवरी या फिर 15 अगस्त को मस्जिद की बुनियाद रखने का दिन तय किया है.
जानिए ट्रस्ट ने क्यों चुना 26 जनवरी को मस्जिद की नींव रखने का दिन
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ, चैरिटेबल हॉस्पिटल, रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी, कम्यूनिटी किचन जैसे पब्लिक फैसिलिटी भवन का निर्माण करेगा. ट्रस्ट ने 26 जनवरी या फिर 15 अगस्त को मस्जिद की बुनियाद रखने का दिन तय किया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि वैसे तो इस्लाम में किसी मस्जिद की नींव रखने पर किसी आयोजन की कोई रिवायत नहीं है, लेकिन क्योंकि मस्जिद की नींव किसी न किसी तारीख पर रखनी है. इसलिए ट्रस्ट ने यह तय किया है कि वह देश के दो महत्वपूर्ण दिन में से किसी एक दिन पर ही नींव रखेगा. अतहर हुसैन ने कहा क्योंकि हमारे देश के संविधान की नींव 26 जनवरी के दिन रखी गई थी. इसलिए इस तारिख को चुना गया है. अगर किसी वजह से 26 जनवरी को मस्जिद की नींव नहीं रखी जा सकी तो फिर 15 अगस्त को रखी जाएगी. जिस दिन देश को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली थी और आज़ाद भारत की बुनियाद रखी गई थी उस दिन अयोध्या में धन्नीपुर मस्जिद की नींव रखी जाएगी.
गौरतलब है कि एक लंबे अरसे तक अयोध्या में मंदिर मस्जिद को लेकर विवाद रहा है. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए भी अयोध्या में 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है. जिस पर अब निर्माण शुरू कराने की बात कही जा रही है, जिसमें मस्जिद, लाइब्रेरी, अस्पताल और कम्यूनिटी किचन के साथ रिसर्च सेंटर बनाने के लिए ट्रस्ट की ओर से फैसला लिया गया है. यह उम्मीद की जा रही है कि अयोध्या में श्रीराम चंद्र के भव्य मंदिर के साथ अयोध्या की धरती पर धन्नीपुर नाम से मस्जिद का निर्माण होगा. हालांकि इस 5 एकड़ भूमि पर बनने वाली मस्जिद में बाबर नाम के शब्द का कहीं प्रयोग नहीं किया जाएगा.