लखनऊ:लोक निर्माण विभाग और रेलवे के बीच आपसी सामंजस्य के अभाव में आईटी से निशातगंज को जोड़ने वाला इंदिरा पुल अटका हुआ है. बीती 26 फरवरी से ये पुल आवागमन के लिए बंद है. अब जाकर पीडब्ल्यूडी और रेलवे अपने-अपने हिस्से की जगह को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्धारित कर पाए हैं. हालांकि रेलवे ने अपने हिस्से का काम शुरू करा दिया है.
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का दावा है कि उनके हिस्से में पुल के जीर्णोद्धार का कार्य अधिकतम तीन दिनों का ही है. जबकि रेलवे कम से कम 15 दिन का समय बता रहा है. इस पुल से आवागमन शुरू न हो पाने के चलते इस पुल से गुजरने वाले लोगों को डेढ़ से दो किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है. पुल को बंद हुए 15 दिन का समय हो गया है. पर ये कब खुलेगा इस पर अभी भी दोनों विभाग तय समय नहीं बता पा रहे हैं. ऐसे में पुल के जीर्णोद्धार में हो रही देरी रेलवे और पीडब्ल्यूडी के बीच सामंजस्य पर सवाल उठ रहे हैं.
पुल बंद किए जाने के पांच दिन बाद तक पीडब्ल्यूडी की चिट्ठी रेलवे को नहीं मिली थी तो वहीं अब रेलवे की चिट्ठी छह दिन बाद पीडब्ल्यूडी को मिली है. खास बात ये है कि दोनों विभागों के बीच की दूरी बमुश्किल एक किलोमीटर ही है. पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता मनीष वर्मा का कहना है कि सामंजस्य के अभाव जैसी कोई बात नहीं है. रेलवे अपना काम शुरू कर चुका है और जल्द हमारा विभाग अपना काम पूरा करेगा. तीन दिन से ज्यादा हमारे हिस्से का काम नहीं है. पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार का कहना है कि काम शुरू हो गया है. कम से कम 15 दिन का वक्त लगेगा.
रेलवे लाइन के किनारे पुल के नीचे लोग झुग्गी झोपड़ियां डालकर रह रहे थे. रेलवे ने शुक्रवार और शनिवार को अभियान चलाकर निर्माण कार्यों को तोड़ा है. साथ ही वहां पर रह रहे लोगों से जमीन खाली करने को कहा है. निशातगंज वाले छोर के नीचे पक्का निर्माण हो गया है अब पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सारे अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे.
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