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लखनऊ में बनेगा देश का पहला डिजाइनिंग विश्वविद्यालय: चौधरी उदयभान

यूपीआईडीआर को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा. यह देश का इकलौता डिजाइनिंग विवि होगा, जहां हस्तकला को नए स्वरूप में लाने के लिए डिजाइन तैयार की जाएगी. इस बात की पुष्टि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने की.

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राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह.

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Published : Dec 22, 2020, 4:01 PM IST

लखनऊःउत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च की ओर से सोमवार को प्रशिक्षण प्राप्त कारीगरों और हस्त शिल्पियों को टूल किट वितरित की गई. सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कारीगरों को टूल किट दी. इस दौरान उन्होंने संस्थान में डिस्प्ले गैलरी का भी उद्घाटन किया.

2013 में स्थापित हुई थी यूपीआईडीआर
राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि यूपीआईडीआर को 20 एकड़ में विश्वविद्यालय के रूप में बनाया जाएगा, जो देश का इकलौता डिजाइनिंग विवि होगा, जहां हस्तकला को नए स्वरूप में लाने के लिए डिजाइन तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवि के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. यूपीआईडीआर की स्थापना साल 2003 में की गई थी, लेकिन पिछली सरकार की उदासीनता के कारण ही संस्था को गति 2017 से मिलनी शुरू हुई. इसकी वजह से ट्राइफेड जैसे केंद्रीय संस्थान ने यूपीआईडीआर के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल एवं लोकल को ग्लोबल बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में यूपीआईडीआर तेजी से अग्रसर है.

पांच हजार से अधिक बुनकरों को किया गया प्रशिक्षित
संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने बताया कि यूपीआईडीआर के तहत हजारों शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि उन्हें अपने सामान को बेचने का एक प्लेटफॉर्म मिल सके. वर्ष 2017 से अभी तक पांच हजार से अधिक बुनकरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इसके साथ ही अधिक से अधिक शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को यूपीआईडीआर के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वो बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने उत्पादों को सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे. उन्होंने बताया कि 125 डिजाइनरों को संस्थान से जोड़ा गया है, जिससे पारंपरिक उत्पादों को नए कलेवर में तैयार करने में मदद मिल रही है.

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