लखनऊ. हिजाब पर लंबे वक्त से कर्नाटक में छिड़े संग्राम पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर देशभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. हालांकि हिजाब विवाद अभी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. देश की सर्वोच्च अदालत की दहलीज पर यह मामला पहुंच गया है.
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का यूथ विंग कानूनी लड़ाई लड़ेगा. पार्टी के ओर से बुधवार को जारी हुए बयान में उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की बात कही गई है. इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद मतीन खान ने कहा कि हिजाब मुस्लिम संस्कृति का आवश्यक अंग है. इसके खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन लोगों को निराश करेगा जो कानून में अब भी विश्वास रखते हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार यह तय नहीं कर सकती कि कौन क्या पहनेगा. उन्होंने कहा कि 'हिजाब पर आखिर विवाद क्यों, माहौल में इतना तनाव क्यों, क्या मुसलमानों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करना है.'
मोहम्मद मतीन ने कहा कि अदालत का दायित्व है कि न्याय की गुहार लगाने वाली लड़कियों के साथ खड़ी हो. किसी को यह कहने का अधिकार नहीं है कि हिजाब इस्लामिक आस्था का अंग नहीं है. भारत जैसे देश में नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए धार्मिक निर्णय जारी करना उचित नहीं है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहेगी.
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