लखनऊ:कोरोना के कारण कई माह तक ट्रेनें खड़ी रहने के चलते रेलवे को काफी घाटा हुआ है. अनलॉक में कुछ ट्रेनों के चलने की इजाजत दी गई है. रेलवे ने दैनिक यात्रियों की समस्या किनारे रखकर कमाई वाली ट्रेनों को यार्ड से निकाल कर पटरी पर उतार दिया. इससे रेलवे का खजाना तो भरने लगा, लेकिन दैनिक यात्रियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.
दैनिक यात्रियों के लिए चलाई जाने वाली मेमू, पैसेंजर, इंटरसिटी के संचालन पर अभी भी ग्रहण लगा हुआ है. इसकी वजह है कि यह ट्रेन यात्रियों को राहत तो देती हैं, लेकिन रेलवे को कमाई करके नहीं देतीं. इन ट्रेनों से प्रतिदिन 45 से 50 हजार यात्री सफर करते हैं. अगर रेलवे इन ट्रेनों को संचालित करे तो हजारों यात्रियों को राहत मिले.
सैकड़ों ट्रेनों से भी दैनिक यात्रियों को राहत नहीं
एक जून से रेलवे ने करीब 200 ट्रेनों का संचालन शुरू किया तो दैनिक यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की मांग उठाई. रेलवे ने यात्रियों की इस मांग पर तो कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि अपनी कमाई बढ़ाने के लिए डायनेमिक फेयर वाली तेजस, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया.