लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान देश का पहला ऐसा चिड़ियाघर है, जिसमें नेत्रहीनों और दिव्यांगों के लिए यह सुविधा शुरू की गई है. खास बात यह भी है कि दिव्यांगों के लिए चिड़ियाघर में किसी भी तरह का कोई टिकट नहीं लिया जाता है. इससे उन्हें न केवल बेहतरीन जानकारियां मिलेंगी बल्कि जानवरों के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ेगी.
लखनऊ: देश में पहली बार चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा - लखनऊ समाचारर
लखनऊ शहर में दिव्यांगों के लिए नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान एक नई सुविधा शुरू की गई है. यहां पर नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए एक गैलरी का निर्माण करवाया गया है, जिसके तहत वह चिड़ियाघर के तमाम जानवरों की जानकारी ले सकते हैं.
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चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा
चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा
चिड़ियाघर की खास बातें:
- लखनऊ चिड़ियाघर देश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर जहां पर दिव्यांगों को ऐसी सुविधा दी जाती है.
- स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है.
- गैलरी में जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
- नेत्रहीनों के लिए यह जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध है.
- लखनऊ चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनी स्पर्श गैलरी की लागत लगभग 8 लाख आई है.
- गैलरी में बब्बर शेर, सफेद बाघ, तेंदुआ, चिड़िया और अन्य पक्षी भी उपलब्ध हैं.
- हुक्कू बन्दर, हिप्पोपोटामस, मछलियों की विभिन्न प्रजातियां समेत जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
- हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जानकारी अंकित की गई है.
- ब्रेल लिपि में भी इन सभी जानवरों की जानकारियां अंकित हुई हैं.
चिड़ियाघर के निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह के अनुसार स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है. स्पर्श गैलरी को चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनाया गया है. गैलरी में ज्यादातर जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं. खास बात यह है कि इन पोस्टरों में जानकारी आम लोगों के लिए भी दी गई है और साथ ही नेत्रहीनों के लिए भी दी गई है.
-राजेंद्र कुमार सिंह,चिड़ियाघर निदेशक