लखनऊ : यूपी के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल (Former Chief Secretary of UP Deepak Singhal) से जल्द ही इनकम टैक्स (आईटी ) की टीम पूछताछ करेगी. आईटी के ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 (IT's Operation Babu Saheb Part-2) के दौरान की गई छापेमारी में बरामद हुए दस्तावेजों में सिंघल से जुड़ी कई जानकारियां हाथ लगी थीं. सिंघल को एजेंसी ने नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है.
दरअसल इनकम टैक्स ने सितंबर में यूपी के 22 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. छापे की कार्रवाई यूपी के सरकारी विभाग में कार्यरत लोगों के खिलाफ की गई थी, जिन्होंने सरकारी फंड का दुरुपयोग (misuse of public funds) करके व्यक्तिगत लाभ लिया था. छापेमारी के दौरान कई कारोबारी और बिचौलियों से आईटी ने पूछताछ की थी, जिसमें कई बड़े नौकरशाहों का नाम सामने आए थे.
अखिलेश यादव सरकार (akhilesh yadav government) में सबसे मजबूत आईएएस अधिकारी रहे पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद के खिलाफ वर्ष 2020 में दिल्ली पुलिस की EOW ने दिल्ली के ही कारोबारी संजय अग्रवाल (Businessman Sanjay Agarwal) की शिकायत पर ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और साजिश करने का मुकदमा दर्ज किया था. संजय का आरोप था कि दीपक सिंघल ने अपने दामाद के साथ मिलकर कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के लिए जालसाजी की थी. दीपक सिंघल गोमती रिवर फ़्रंट घोटाले में भी फंसे हुए हैं. सीबीआई यूपी सरकार से पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन (Former Chief Secretary Alok Ranjan) और दीपक सिंघल के खिलाफ जांच की इजाजत मांग चुकी है. दोनों पूर्व अधिकारियों पर गड़बड़ियों की अनदेखी का आरोप लगा था. रिवरफ्रंट निर्माण के समय आलोक रंजन मुख्य सचिव और दीपक सिंघल सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव थे. बाद में दीपक सिंघल प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे.
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