लखनऊ : पराली की घटनाओं पर अंकुश लग सके इसके लिए कृषि विभाग अब सख्ती दिखा रहा है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई किसानों के खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण फैला है और इसकी खबर जब कृषि विभाग को मिली तो तत्काल ऐसे किसानों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है. कृषि निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर बताते हैं कि 'पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं कम होने के बजाय कुछ बढ़ी हैं. अभी भी कई जगह पर किसान नहीं मान रहे हैं. लिहाजा, एक्शन लिया जा रहा है. अभी तक प्रदेश में पराली जलाने की सैकड़ों घटनाएं दर्ज हुई हैं और एक्शन लिया जा रहा है.'
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेपी चौधरी बताते हैं कि 'उत्तर प्रदेश में अब तक पराली जलाने की 321 घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से स्थानीय स्तर पर पुष्टि करने पर 117 घटनाएं फसल अवशेष जलाने की मिली हैं. शेष घटनाएं या तो कूड़ा जलाने की थीं या उनकी मौके पर पुष्टि नहीं हुई है. यह जो 117 घटनाएं हुई हैं वह भी बहुत सीमित क्षेत्र में हुई हैं. अभी धान की कटाई तेजी से पश्चिम क्षेत्र की तरफ से होना प्रारंभ हुई है. पश्चिमी और मध्य क्षेत्र में इस समय धान की फसल की कटाई चल रही है और लगभग 45 फीसद फसल की कटाई हो चुकी है. पश्चिम क्षेत्र तो विशेषकर बासमती का क्षेत्र है तो किसान हाथ से कटाई करते हैं तो उसके पुआल को वह अपने पशुओं को खिलाते हैं. ऐसे उद्योग हैं जो बायोमास का प्रयोग करते हैं उनको बेचते हैं. घटनाएं हुईं तो हैं लेकिन बहुत छिटपुट हुई हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा अगर इस साल पराली जलाने की घटनाओं की बात की जाए तो ज्यादा हैं, लेकिन इसके पीछे कारण है कि पिछले साल इस समय बारिश हो रही थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बारिश में फसल जलाया जा पाना संभव नहीं था. पिछले साल से अभी तक कुछ घटनाएं ज्यादा हुई हैं, लेकिन इस वर्ष फसल की कटाई का क्षेत्र भी कई गुना बढ़ा है. इस समय पराली का जो प्रबंध है उसको करने के लिए कृषि विभाग जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.'
क्या है पराली जलाने की सजा :दो एकड़ या उससे कम के क्षेत्रफल वाले किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए 2500 रुपए तक का जुर्माना लगता है. दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसानों को पराली जलाते पकड़े जाने पर पांच हजार के जुर्माने का प्रावधान है. पांच एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल वाले किसानों पर 15 हजार जुर्माना लगाया जा सकता है.