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निषाद पार्टी कार्यालय खोलने का विरोध, सोसायटी के लोगों ने बिजली-पानी का कनेक्शन काटा

राजधानी में आज एक सोसायटी में निषाद पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया गया. इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद वहां पहुंचे थे. इस दौरान सोसायटी के लोगों ने कार्यालय खोलने को लेकर संजय निषाद का विरोध किया.

निषाद पार्टी कार्यालय खोलने का विरोध.
निषाद पार्टी कार्यालय खोलने का विरोध.

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Published : Jun 27, 2021, 4:35 PM IST

लखनऊ:राजधानी में अब विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है. भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद प्रदेश में उपमुख्यमंत्री का पद मांगकर फिर चर्चाओं में आ गए. वहीं, आज उन्होंने विभूति खंड एक आवासीय बिल्डिंग में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया गया. इस कार्यालय को लेकर आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने विरोध किया और उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं से झड़प भी हुई.

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए जा रहे थे. उसी दौरान पार्श्वनाथ प्लेनेट बिल्डिंग के लोगों ने रास्ता रोककर विरोध किया, लेकिन संजय निषाद ने किसी की एक न सुनी और कार्यालय का उद्घाटन कर दिया. इससे गुस्साए लोगों ने उनके कार्यालय की बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया.

निषाद पार्टी कार्यालय उद्घाटन.

राजधानी में अब तक निषाद पार्टी का कोई कार्यालय नहीं था. विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों के मद्देनजर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने विभूति खंड स्थित पार्श्वनाथ प्लेनेट बिल्डिंग के एक फ्लैट में पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन किया. सोसायटी के लोग फ्लैट में किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यालय खोले जाने का विरोध कर रहे हैं. महिलाओं ने चेन बनाकर रास्ता रोकने की कोशिश की और विरोध भी किया.

निषाद पार्टी कार्यालय खोलने का विरोध.
चर्चाओं में है निषाद पार्टी

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी बीते एक सप्ताह से चर्चाओं में है. पहले पार्टी से नाराजगी को लेकर संजय निषाद की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात हुई और मंत्री पद की मांग तक कर डाली. वहीं उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री की मांग को लेकर उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी हुई. पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद अब प्रदेश में निषाद जाति के बलबूते सरकार में मंत्री के पद के साथ दबाव की राजनीति कर रहे हैं. क्योंकि उनका मानना है कि उनकी पार्टी को अगर 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने समर्थन नहीं दिया तो बीजेपी को डेढ़ सौ सीटों पर जबरदस्त नुकसान होगा.

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