लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते छह सालों में यूपी पुलिस ने हर रोज दो अपराधियों को मुठभेड़ के दौरान लंगड़ा किया है. इतना ही नहीं हर महीने जरायम की दुनिया में नाम कमा चुके दो कुख्यात अपराधियों को ढेर भी किया गया है. पुलिस के आंकड़े बताते है कि राज्य में योगी सरकार बनते ही पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल और अवध से लेकर बुंदेलखंड तक अपराधियों पर जम पर कार्रवाई हुई है, जिसके चलते माफियाओं के घुटने कांपने लगे है.
अपराधियों पर पुलिस ने जम कर ढहाया कहर
प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के लिए तीन रास्ते खुले छोड़े थे. इसमें एक रास्ता जेल का था. दूसरा यमराज के पास और तीसरा राज्य की सीमा पार. लिहाजा बीते छह सालों में यूपी पुलिस ने 178 कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया तो 23 हजार 32 को सलाखों के पीछे भेजा गया. इतना ही नहीं कभी पुलिस को अपने पीछे-पीछे भगाने वाले 4900 अपराधियों के पैर पर मुठभेड़ के दौरान गोली लगी, जिससे वो जीवनपरियंत के लिए लंगड़े हो गए, जो अब भागना तो दूर ठीक से चलने को भी तरस रहे है. हालांकि कुछ मुठभेड़ में पुलिस ने अपने 15 जाबाज कर्मियों को भी खोया है.
सरकार बनने के दूसरे साल 41 तो इस साल अब तक 9 हुए ढेर
वर्ष 2018 में यूपी पुलिस ने लखनऊ में आतंक का दूसरा रूप बन चुके बवारिया गिरोह के 4 डकैत के साथ-साथ गाजियाबाद, कानपुर समेत दर्जनों जिलों में कुल 41 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था. ये संख्या अब तक बीते छह सालों में सबसे अधिक है. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, वर्ष 2017 में 28, 2018 में 41, 2019 में 34, 2020 में 26, 2021 में 26 , 2022 में 14 और 2023 में अब तक 9 अपराधी मारे गए हैं.