लखनऊ : यूपी एटीएस (UP ATS) का अवैध धर्मांतरण सिंडीकेट पर शिकंजा कसता जा रहा है. एटीएस गैंग के सरगना उमर गौतम समेत छह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.
इसी क्रम में अब उमर के खास साथी डॉ. फराज शाह समेत चार अन्य पर भी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है. आईजी एटीएस ने बताया कि डॉ. फराज समेत चार के खिलाफ भी आर्थिक रूप से कमजोर व असहाय लोगों, दिव्यांगजनों विशेषकर मूक-बधिर लोगों को बहलाकर, भयभीत कर, बलपूर्वक तथा नाजायज दबाव आदि डालकर उनका धर्मांतरण कराए जाने का आरोप है.
विदेशों से फंडिंग लेने की भी पुष्टि हुई है. इन चारों के खिलाफ कई और अहम सबूत भी मिले हैं. सब कुछ ठीक रहा तो इनके खिलाफ 90 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी.
बता दें कि एटीएस ने अवैध धर्मांतरण मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बीते 20 अगस्त को यूपी एटीएस ने जांच के बाद उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाउद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
एटीएस ने 60 दिन में यह कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दाख़िल की है. विवेचना में आरोपियों के खिलाफ मिले साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट लगाई गई. महत्वपूर्ण तथ्यों में आपराधिक षड्यंत्र के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने का आरोप तय किया गया.
यह भी पढ़ें :कानपुर धर्मांतरण मामला: घटना की कहानी... सुनिये पीड़ित परिवारों की जुबानी
वहीं, इस गैंग के चार अन्य आरोपियों क्रमशः नागपुर से गिरफ्तार प्रसाद कावरे उर्फ़ एडम उर्फ़ आदम, अर्सलान उर्फ़ भूप्रिय विंदो, कौसर आलम तथा डॉ. फराज एवं अन्य संदिग्धों के खिलाफ विवेचना की जा रही है. जल्द इनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं तार
IG ATS जीके गोस्वामी के मुताबिक, धर्मांतरण गैंग के तार अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी जुड़े हैं. धर्मांतरण गैंग आर्थिक रूप से असहाय, कमजोर लोगों व महिलाओं, दिव्यांगों खासकर मूक-बधिरों को बहलाकर विद्वेषपूर्ण ढंग से धर्मांतरण कराया जा रहा है. धर्मांतरित व्यक्ति को कट्टर विचारधारा से जोड़कर उनके रिश्तेदारों, परिचितों का भी धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा.
इस तरह धर्मांतरण की एक चेन बन चुकी है. धर्म बदलने के बाद कोई वापस अपने मूल धर्म में न जा पाए, इसके लिए समय-समय पर सभाएं की जातीं थीं. यह एक तरह से काउंसलिंग का तरीका होता है. जांच में सामने आया कि देश मे स्थापित अलग-अलग धर्मों के बीच विवाद और हिंसा बढ़ाने के लिए भी धर्मांतरण को हथियार बनाया गया था.
बताया कि अभियुक्तों की इस अवैध धर्मांतरण की कार्यवाही से विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य एवं कटुता बढ़ी है. रेडिकलाइज्ड व धर्मांतरित व्यक्तियों को देश-विरोधी अतिवादी विचारधारा से भी जोड़े जाने के भी प्रमाण मिले हैं.
कहा कि गैंग के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाकर भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने हेतु काफी संख्या में लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच देकर उनके मूल धर्म के प्रति भ्रम व घृणा पैदा कर, भय व आतंकित कर, मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है.
बताया कि इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि आरोपी धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को उसके धर्म के विषय में भ्रामक तथ्य बताकर बरगलाते थे.
ऑर्गेनिक मैकेनिज्म तैयार कर चला रहे धर्मांतरण गैंग
IG की मानें तो सभी आरोपी आपराधिक षड्यंत्र के तहत ऑर्गेनिक मैकेनिज्म (organic mechanism यानि संगठित प्रारूप) तैयार कर अवैध धर्मांतरण गैंग चला रहे हैं. गलत नियत से आरोपियों ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक विश्वासों को आहत करने का काम किया है.
इस अवैध गतिविधि को संचालित करने के लिए इस्लामिक दावा सेंटर, गाज़ियाबाद (मसूरी) के धार्मिक स्थल व नोएडा डेफ सोसाइटी को औपचारिक केंद्र बनाकर संपूर्ण भारत में इसका जाल बिछाया गया.
अवैध धर्मांतरण कराने के लिए आपराधिक षड्यंत्र के तहत विदेशों में बैठे इसके सहयोगियों द्वारा भारी मात्रा में अवैधानिक ढंग से हवाला के जरिए फंडिंग की जाती थी. हवाला के पैसों को अवैध ढंग से गैंग के सदस्य धर्म परिवर्तन के लिए खर्च करते हैं.