लखनऊ :अगले पांच साल में लखनऊ के अनेक ऐतिहासिक स्थल इतिहास रह जाएंगे. उत्तर प्रदेश की विधानसभा से लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय की जगह बदल जाएगी. अमीनाबाद का मशहूर दवा बाजार भी अपनी जगह पर नहीं रहेगा. कैसरबाग का बस अड्डा भी स्थानांतरित हो जाएगा. ऐसे ही अनेक स्थान अलग-अलग जगहों पर होंगे. यह सारी कवायद लखनऊ को जाम मुक्त करने के लिए हो रही है. माना जा रहा है कि लखनऊ अब बड़ा हो रहा है. ऐसे में बढ़ती आबादी के लिहाज से जहां भीड़ जमा होती है वह स्थल शहर के बाहर होने चाहिए.
उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा के लिए चक गजरिया सिटी में स्थान की निशानदेही कर ली गई है. चालू वित्त वर्ष में सरकार ने ₹50 करोड़ का बजट भी नई विधानसभा के लिए प्रस्तावित किया. इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट देते रहते हैं. उन्होंने बताया है कि 'निश्चित तौर पर सरकार की इच्छा है कि नई विधानसभा का भवन बनाया जाए. यहां काम निकट भविष्य में शुरू हो जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के हजरतगंज स्थित मुख्यालय के लिए भूमि जियामऊ में प्रस्तावित है. हजरतगंज में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में स्थान दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है. सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है.'