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भारत के इतिहास में सिखों का अहम योगदान: मुख्यमंत्री योगी

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Published : Dec 27, 2020, 4:02 PM IST

Updated : Dec 27, 2020, 9:11 PM IST

साहिबजादा दिवस पर सीएम आवास पर गुरुबाणी कीर्तन का आयोजन किया गया. इसमें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत कई मंत्री मौजूद रहे. इस प्रकार का कार्यक्रम सीएम आवास पर पहली बार हुआ है. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर पर पगड़ी बांधी और गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों की शहादत को नमन किया.

Gurbani kirtan at CM residence.
सीएम आवास पर गुरुबाणी कीर्तन.

लखनऊःसिख समुदाय के 10वें गुरु साहिब गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों और माता गुजरी की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को मुख्‍यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री आवास पर पहली बार ऐसा कार्यक्रम हुआ. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश सरकार के कई मंत्री और सिख समाज के महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे. बता दें कि साहिबजादा दिवस गुरु गोविंद सिंह महाराज के चार पुत्रों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत की याद में मनाया जाता है.

सिखों का इतिहास युवाओं के लिए सीख
साहिबजादा दिवस के उपलक्ष्य में पांच कालिदास मार्ग स्‍थित सरकारी आवास पर हुए गुरबाणी कीर्तन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. इसमें मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और सिख पंथी भी थे. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों ने देश और धर्म के लिए कुर्बानी देकर दुनिया के बच्चों के सामने मिसाल रखी है. सिखों का इतिहास युवाओं के लिए एक सीख है.

योगी ने सिर पर बांधी पगड़ी
मुख्यमंत्री आवास पर पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर पर पगड़ी भी बांधी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहिबजादा दिवस के पर कहा कि आज यहां पर नया इतिहास बन रहा है. हम सब गुरु गोविंद सिंह महाराज के चार पुत्रों और माता गुजरी की शहादत को नमन कर रहे हैं. गुरुबाणी के कीर्तन के साथ हम सबका जुड़ना एक नया इतिहास गढ़ रहा है. हमें एक बात हमेशा याद रखनी होगी कि इतिहास को विस्मृत करके कोई व्यक्ति, कोई जाति या कोई कौम कभी आगे नहीं बढ़ सकती.

'गुरु नानकदेव ने किया मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त'

सीएम योगी ने कहा कि कुछ गलतियों के कारण गुरुपुत्रों को क्रूरता का सामना करना पड़ा था. हमें प्रयास करना होगा कि आने वाले समय में किसी के साथ ऐसा न हो. उन्होंने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं ने भारत को नष्ट करने, धर्म संस्कृति को रौंदने, भारत के वैभव को पूरी तरह समाप्त करने को अपना एकमात्र लक्ष्य बनाया हुआ था, तब भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव ने कीर्तन प्रारंभ किया था. उस समय सत्संग के माध्यम से गुरु नानक देव ने जो अभियान आरंभ किया, वह समय के साथ आगे बढ़ते हुए गुरु गोविंद सिंह तक पहुंचा. यह सत्संग पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों ने धर्म की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया. इतिहास गुरु तेग बहादुर सिंह के साथ विदेशी आक्रांताओं द्वारा की गई बर्बरता का गवाह है.


शिक्षामंत्री बनाएं पाठ्यक्रम का हिस्साः योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के इतिहास से सिखों का इतिहास कभी अलग हो ही नहीं सकता. इसे हमारे पाठ्यक्रम का एक पाठ बनना चाहिए. हर बच्चे को सिखों के इतिहास के बारे में बताना चाहिए. महाराजा जोरावर सिंह के बारे में, महाराजा फतेह सिंह के बारे में पता होना चाहिए. उन्होंने उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को सिखों के इतिहास को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए कहा. उन्होंने आशा व्यक्त की कि गुरु पुत्रों की शहादत और उनका बलिदान वर्तमान पीढ़ी के लिए एक नई प्रेरणा बनेगा. इतनी कम उम्र में देश और धर्म के लिए इतनी बड़ी शहादत देना सामान्य बात नहीं है. इसके साथ ही सीएम योगी ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में प्रतिवर्ष 27 दिसंबर को साहिबजादा दिवस मनाया जाएगा.


इस्लाम धर्म कबूल न करने पर दी गई थीं यातनाएं
बता दें कि गुरु गोविंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने 26 दिसंबर 1704 को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. साहिबजादों की शहादत धर्म को बचाने के लिए प्रार्थना की गई. फतेहगढ़ साहिब में गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों को दीवार में सिर्फ इसलिए चिनवा दिया गया कि उन्होंने अपना धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म नहीं अपनाया.

गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर भी हुआ था आयोजन
साहिबजादा दिवस पर मुख्‍यमंत्री आवास पर गुरुबाणी कीर्तन का आयोजन हुआ. इससे पहले गुरुनानक देव के 550वें प्रकाशोत्‍सव पर मुख्‍यमंत्री आवास पर गुरुबाणी कीर्तन और लंगर का आयोजन किया गया था. इसमें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और प्रदेश के कई कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे थे. गुरुनानक देव के प्रकाशोत्‍सव पर पहली बार मुख्‍यमंत्री आवास पर आयोजित हुए लंगर और कीर्तन में सिख समुदाय के 200 से 250 लोगों ने प्रतिभाग किया था.

Last Updated : Dec 27, 2020, 9:11 PM IST

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