लखनऊ : राजधानी लखनऊ के पार्कों की हरियाली पर अवैध अतिक्रमण और अवैध कब्जे बदनुमा दाग नजर आते हैं. तमाम कॉलोनियों के अंदर लोगों को बेहतर पर्यावरण देने के उद्देश्य से पार्क बनाए गए. राजधानी की तमाम कॉलोनियों के पार्को पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण साफ-साफ नजर आते हैं. राजधानी में नगर निगम सीमा के अंतर्गत कुल 1800 पार्कों की व्यवस्था बेहतर पर्यावरण और लोगों को साफ-सुथरी हवा देने के उद्देश्य की गई है.
पार्कों पर हो रहा अतिक्रमण और कब्जा. रसूखदार लोगों ने किया अतिक्रमण
आसपास के रहने वाले रसूखदार लोगों ने इन पार्कों पर अतिक्रमण करके कब्जा कर रखा है, लेकिन अधिकारियों और रसूखदार के बीच मिलीभगत की वजह से इनसे कब्जे नहीं हट पा रहे हैं. ऐसे में लोगों को बेहतर पर्यावरण भी नहीं मिल पा रहा. लोग शिकायत तो करते हैं तो कभी कभार अभियान चलते हैं, लेकिन बाद में फिर इन पर पहले जैसी ही स्थिति नजर आने लगती है.
नहीं होती कार्रवाई
ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ की कई कॉलोनियों के पार्कों की पड़ताल की तो स्थिति काफी भयावह नजर आई. पार्कों में अतिक्रमण से लेकर स्थाई निर्माण भी कर लिया गया है और इनके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम प्रशासन के अधिकारी दावा करते हैं कि जहां भी शिकायतें मिलती हैं, वहां अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है.
इन कॉलोनियों के पार्कों में है अतिक्रमण व अवैध कब्जे
राजधानी लखनऊ की पॉश कॉलोनी कही जाने वाली गोमती नगर के अंदर की कई कॉलोनियों के पार्कों में हुए अतिक्रमण और अवैध कब्जे साफ-साफ नजर आते हैं. यहां रहने वाले रसूखदार लोगों ने अपने घरों के आस-पास के पार्क में काफी हिस्से में कब्जा कर रखा है. किसी ने अपने सुरक्षा के जवानों के लिए स्थाई निर्माण करके कमरे बना रखे हैं तो किसी ने स्थाई रूप से कब्जा किया है. तमाम जगहों पर अन्य प्रकार से अतिक्रमण करके जमीन घेर ली गई है. गोमती नगर की विश्वास खंड कॉलोनी, विवेक खंड कॉलोनी, विराम खंड कॉलोनी, विराट खंड कॉलोनी, विराज खंड कॉलोनी, पत्रकारपुरम के आसपास के कई पार्कों में कब्जे नजर आते हैं. इसके अलावा महानगर कॉलोनी के पार्क, विकास नगर कॉलोनी के पार्क, अलीगंज कॉलोनी के पार्क, आलमबाग आशियाना सहित तमाम इलाकों की कॉलोनियों के पार्को में कब्जे हैं.
शिकायतों पर गम्भीरता से कार्रवाई नहीं करते अधिकारी
लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे कहते हैं कि कई कालोनियों के पार्कों में अवैध अतिक्रमण और कब्जे बने हुए हैं. हमने कई बार नगर निगम प्रशासन और एलडीए के स्तर पर शिकायत करके कुछ अतिक्रमण और अवैध कब्जे हटवाए भी हैं, लेकिन तमाम जगहों पर अभी भी यह शिकायत बनी हुई है. जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 7 के पास ग्रीन बेल्ट की जमीन पर ही एलडीए के अधिकारियों ने एक कमरा और ट्यूबवेल बनाने की व्यवस्था की है. हमने इसकी शिकायत की है तो फिलहाल काम रोक दिया गया है, लेकिन यह गंभीर बात है कि ग्रीन बेल्ट और पार्कों की हरियाली पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती.
अधिकारी करते हैं लगातार कार्रवाई का दावा
वहीं लखनऊ नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह कहते हैं कि राजधानी में 1800 पार्क बनाए गए हैं और इन पार्कों को लगातार सुंदरीकरण और अन्य प्रकार से हरा-भरा करने के लिए काम चलता रहता है. तमाम पार्कों में अवैध निर्माण और कब्जे की शिकायत आती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. जहां भी शिकायतें आती हैं और आएंगी, वहां पर कार्रवाई जरूर होगी.