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सिर्फ रिपोर्ट में हो रहा IGRS की शिकायतों का निस्तारण, लोगों ने कहा- कार्रवाई सिर्फ दिखावा

आईजीआरएस पर होने वाली शिकायतों का 98 प्रतिशत निस्तारण कर लिया गया है, लेकिन यह आंकड़े सिर्फ पोर्टल पर ही दिख रहे हैं. हकीकत की अगर बात की जाए तो लोगों का कहना है कि कई बार उनकी समस्या का निस्तारण भी नहीं हो पाता और रिपोर्ट में मामले का निस्तारण होना लिख दिया जाता है.

IGRS की शिकायतों का निस्तारण
IGRS की शिकायतों का निस्तारण

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Published : Nov 21, 2020, 8:53 AM IST

लखनऊ: सरकार ने आम जनता की समस्याओं के निस्तारण के उद्देश्य समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) की शुरुआत की थी. इसके तहत आम जनता की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करना था. राजधानी लखनऊ में आईजीआरएस के तहत निस्तारित की गई शिकायतों के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां की स्थिति काफी बेहतर नजर आती है. लेकिन आईजीआरएस की जमीनी हकीकत इन आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रही है. राजधानी लखनऊ में तमाम ऐसे मामले हैं, जिसमें लोगों ने आईजीआरएस पर शिकायत की थी लेकिन, उन्हें सुविधाएं नहीं मिली और उनकी आईजीआरएस रिपोर्ट में निस्तारण लिख दिया गया.

एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल

इस मामले में एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर का कहना है कि आईजीआरएस एक बेहतर सुविधा है, लेकिन यह लोगों के लिए सुविधाजनक साबित नहीं हो पा रही है. क्योंकि शिकायत मिलने के बाद गंभीरता से मामले की जांच नहीं होती और बिना जांच के रिपोर्ट लगा दी जाती है. रिपोर्ट के आधार पर मामले को निस्तारित दर्शा दिया जाता है. अगर आईजीआरएस पर जिम्मेदार जिम्मेदारी से काम करें तो स्थिति काफी बेहतर हो सकती है.

पहला मामला

एडवोकेट दुर्गेश सिंह का कहना है कि उनके क्लाइंट राजाराम की जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था. इसको लेकर उन्होंने आईजीआरएस पर शिकायत की थी. शिकायत करने के बाद कॉल सेंटर से उनके पास कई बार फोन आया, लेकिन न ही कोई अधिकारी मौके पर गया और न ही उनकी जमीन को बचाने के लिए जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई की. आईजीआरएस पर शिकायत करने के बावजूद भी राजाराम की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है.

दूसरा मामला

मड़ियाव थाना क्षेत्र की रहने वाली मधु रानी ने बताया कि उनका अपने पड़ोसी से विवाद था. विवाद के चलते पड़ोसी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनके ऊपर इनकम टैक्स न भरने का आरोप लगाते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में शिकायत की. विरोधी ने मधुरानी के दस्तावेजों की मदद से फर्जी जानकारियां इनकम टैक्स उपलब्ध कराए. घटना के बाद मधुरानी ने आईजीआरएस पर उनको फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रयोग करने की शिकायत की, लेकिन इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

तीसरा मामला

इटौंजा थाना क्षेत्र के रहने वाले राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उनके आवास के सामने 20 फुट का रास्ता था. सरकारी रास्ते पर गांव के ही एक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा था. इसे लेकर आईजीआरएस पर शिकायत की गई, लेकिन अब तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है. व्यक्ति का सड़क पर अवैध कब्जा अभी तक बरकरार है.

कागजों में आईजीआरएस की स्थिति

अब तक आईजीआरएस पर 1 लाख 84 शिकायतें मिली हैं. इसमें से 98357 शिकायतों का निस्तारण कर लिया गया है और 1357 शिकायतें वर्तमान में लंबित हैं. वहीं 370 शिकायतों के मामले डिफाल्टर घोषित किए गए हैं.

लॉकडाउन के दौरान मिली शिकायतें

लॉकडाउन के दौरान विभिन्न समस्याओं को लेकर आईजीआरएस पर 21,909 शिकायतें मिली हैं. इसमें से 21,869 शिकायतों का निस्तारण किया गया. इसमें से 36 शिकायतों के मामले में डिफाल्टर घोषित किए गए, वहीं एक शिकायत पेंडिंग है.

आईजीआरएस पर मिली शिकायतों का विवरण

  • मुख्यमंत्री के संदर्भ में 3085 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 2946 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • जिलाधिकारी के संदर्भ में 24795 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 24552 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • संपूर्ण समाधान दिवस के संदर्भ में 12106 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 11959 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • ऑनलाइन 1800 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 981 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • भारत सरकार पीजी पोर्टल के संदर्भ में 5359 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 5191 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • उपमुख्यमंत्री के संदर्भ में 442 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 413 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • राजस्व परिषद के संदर्भ में 480 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 475 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के संदर्भ में 15077 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 14833 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के संदर्भ में 10853 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 10263 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • आर्थिक मदद के संदर्भ में 5331 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 5278 शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • महिला हेल्प डेस्क संदर्भ में 14 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 12 शिकायतों का निस्तारण किया गया है.
  • एंटी भू माफिया के संदर्भ में 5162 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 5138 शिकायतों का निस्तारण किया गया.

तीन स्तर से होती है आईजीआरएस की जांच

लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि आईजीआरएस को लेकर लखनऊ जिला प्रशासन काफी गंभीर है. आईजीआरएस की जांच तीन स्तर से की जाती है. आईजीआरएस पर शिकायत मिलने के बाद विभागीय अधिकारी इस मामले की जांच करते हैं और अधिकारी निगरानी रखते हैं. इसके बाद एडीएम फाइनेंस इस पूरे मामले की समीक्षा करते हैं. एडीएम फाइनेंस के बाद डीएम के स्तर से शिकायत का स्टेटस चेक किया जाता है.

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