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यूपी के हर मंडल अस्पताल में खुलेंगा ICU, शुरू हुई प्रक्रिया - lucknow news

उत्तर प्रदेश में 937 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र हैं. वहीं 3,691 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र संचालित हैं. साथ ही 174 जिला अस्पताल व संयुक्त अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा न होने पर गंभीर मरीजों को भटकना पड़ता है. कोरोना वायरस ने भी आईसीयू सर्विस की कमजोर व्यवस्था को उजागर किया. ऐसे में केंद्र सरकार ने बजट में देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक बढ़ाने का एलान किया.

यूपी के अस्पतालों में आईसीयू लगाने की प्रक्रिया शुरू
यूपी के हर मंडल अस्पताल में खुलेंगे ICU

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Published : Mar 20, 2021, 10:02 AM IST

लखनऊ :केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में क्रिटिकल केयर सेवाओं के विस्तार का एलान किया था. जिसके बाद से उत्तर प्रदेश में इसको लेकर पहल शुरू कर दी गई है. इसके तहत प्रदेश के हर मंडलीय अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट (आईसीयू) खुलेगा.


राज्य में 937 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र हैं. वहीं 3,691 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र संचालित हैं. साथ ही 174 जिला अस्पताल व संयुक्त अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं जिला अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा न होने पर गंभीर मरीजों को भटकना पड़ता है. कोरोना वायरस ने भी आईसीयू सर्विस की कमजोर व्यवस्था को उजागर किया. ऐसे में केंद्र सरकार ने बजट में देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक बढ़ाने का एलान किया. वहीं यूपी में योगी सरकार ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. अब हर मंडलीय अस्पताल में एक इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) का गठन होगा.

यूपी के अस्पतालों में आईसीयू लगाने की प्रक्रिया शुरू
एसजीपीजीआई में डॉक्टरों की ट्रेनिंग जल्द
डीजी हेल्थ डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक हर मंडलीय अस्पताल में आईसीयू बनेगा. एक यूनिट में 10 बेड होंगे. इनमें किसी में पांच व किसी में 10 वेंटिलेटर लगेंगे. इसके संचालन के लिए एनेस्थेटिस्ट को ट्रेनिंग एसजीपीजीआई में दी जाएगी. एसजीपीजीआई प्रशासन से डॉक्टरों के प्रशिक्षण के लिए बात हो चुकी है. सप्ताहभर पहले बैठक भी हो चुकी है.
निजी में 10 से 50 हजार तक खर्च
मंडलीय अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा होने से गरीब मरीजों को राहत मिलेगी. अभी तक निजी अस्पताल में 10 से 50 हजार रुपये एक दिन आईसीयू चार्ज वसूला जा रहा है. ऐसे में दुर्बल व मध्यम आयवर्ग के लोगों को इलाज कराना भारी पड़ रहा है.

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