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यूपी में छिपे रोहिंग्या के ठिकानों की तलाश में एटीएस, मानव तस्करों से जारी है पूछताछ

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Published : Dec 22, 2021, 4:48 PM IST

यूपी एटीएस की 30 अधिकारियों की टीम गिरफ्तार हुए 20 लोगों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान इन सभी को पश्चिम बंगाल समेत यूपी के उन इलाकों में ले जाया जाएगा जहां रोहिंग्या ने अपना ठिकाना बना रखा है.

यूपी में रोहिंग्या के छिपे ठिकानों की तलाश में यूपी एटीएस, मानव तस्करों से जारी है पूछताछ
यूपी में रोहिंग्या के छिपे ठिकानों की तलाश में यूपी एटीएस, मानव तस्करों से जारी है पूछताछ

लखनऊ :यूपी एटीएस ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को भारत लाकर हिंदू नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने वाले नेक्सस का खुलासा किया है. इस नेक्सस ने अब तक 3 हजार रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में एंट्री कराई है. इसमें से अधिकतर लोगों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बसा दिया है. यही नहीं, इस धंधे से इस गिरोह ने करोड़ों की कमाई भी की है.

गौरतलब है कि रोहिंग्या मुसलमानों को हिंदू बनाकर विदेश भेजने और यूपी के विभिन्न इलाकों में बसाने वाले गिरोह के 20 लोगों को यूपी एटीएस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. इस नेक्सस के लिए फर्जी आईडी बनाकर मुसलमान से हिंदू पहचान देकर यूपी समेत विदेश तक भेजना एक मुनाफे का धंधा था. गिरफ्तार हुए गिरोह के आका बांग्लादेशी नागरिक और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

यूपी में रोहिंग्या के छिपे ठिकानों की तलाश में यूपी एटीएस, मानव तस्करों से जारी है पूछताछ

पूछताछ में इन्होंने अब तक 50 लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर विदेश भेजने की बात कबूली है. वहीं, करीब 3 हजार लोगों को भारत में एंट्री करवाने की भी बात बताई है.

मानव तस्करी के व्यापार से कमाते थे करोड़ों रुपये

सूत्रों के मुताबिक इस गिरोह ने अब तक मानव तस्करी के धंधे से 12 करोड़ कमाए हैं. बांग्लादेश से वहां के नागरिकों और म्यामार से रोहिंग्या मुसलमानों को भारत लाने के लिए ये हर एक व्यक्ति की फर्जी आईडी बनाते थे. इससे आधारकार्ड, वोटर आईडी से लेकर पासपोर्ट तक शामिल होता है. आईडी को बनाने के लिए ये एक लाख तक लेते है.

यही नहीं, हिन्दू नाम से एशियाई देशों के साथ-साथ अफ्रीकन देशों में भेजने के लिए अलग-अलग रेट तय कर रखे थे. यूपी एटीएस को जांच के दौरान करीब 50 से ज्यादा ऐसे बैंक अकाउंट मिले जो हिंदू नामों से खुले थे. इनमें लेनदेन भी हुई लेकिन एजेंसी की जांच में खाता धारक का नाम पता फर्जी निकला.

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मिथुन मंडल ने खोला काली कमाई का चिट्ठा

यूपी एटीएस ने बीते 12 अक्टूबर को मानव तस्करी गिरोह के सदस्य मिथुन मंडल को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ में इस सिंडिकेट के कारनामों का काला चिट्ठा खुलने लगा. मिथुन ने बताया कि जब बांग्लादेश से या फिर म्यांमार के रोहिंग्या को भारत में काम की तलाश में आना होता या अफ्रीकन देशों में कमाई के लिए जाना होता तो वे बांग्लादेश के उसके साथी मिथुन से संपर्क करते.

मिथुन उन्हें भारत की सीमा में लाकर पश्चिम बंगाल के कुछ घरों में शरण देता था. घर में ठहरने से लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने की जिम्मेदारी मिथुन खुद उठता था. जांच में सामने आया कि इस एक गैंग के खाते में करोड़ों का लेनदेन हो रहा था. यूपी एटीएस अब तक इस सिंडिकेट के 20 लोगों को गिरफ्तार कर लगभग 12 करोड़ के लेनदेन का ब्यौरा खंगाल रही है.


चुनाव में भी इन रोहिंग्या का होता था इस्तेमाल

मिथुन मंडल ने पूछताछ में बताया कि उसका गैंग इन रोहिंग्या मुसलमानों को बड़े ही सुनियोजित तरीके से यूपी में बसाने का भी काम करते थे. उसके मुताबित जिन रोहिंग्यों को विदेश नहीं जाना होता था और भारत में ही काम धंधा करना होता था, उन्हें हिंदू नामों से यूपी भेज दिया जाता था.

यही नहीं, उनको यूपी की ही आईडी बनाकर दी जाती थी. एटीएस सूत्रों के मुताबिक आगामी विधान सभा में इन रोहिंग्या का चुनाव में उपयोग करने की पूरी तैयारी थी. यूपी एटीएस अब इन सभी 20 मानव तस्करों से यूपी में बसाए रोहिंग्या की जानकारी जुटा रही है. हालांकि एटीएस के सामने ये जानकारी जुटाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है कि कितने रोहिंग्या किस-किस विधानसभा में रह रहें हैं.

फिलहाल यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए मानव तस्कर के 20 सदस्य जो अभी तक करोड़ों की कमाई कर ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे थे, वो अब सलाख़ों के पीछे पहुंचा दिए गए हैं.


क्या कहते है ADG कानून व्यवस्था

संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त कार्यालय (यूएनएचसीआर) के पास पर भारत में रह रहे 14,000 से अधिक रोहिंग्या के बारे में जानकारी मौजूद है. हालांकि गृह मंत्रालय के मुताबिक लगभग 40 हजार रोहिंग्या अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं. यही नहीं, सबसे ज्यादा रोहिंग्या का ठिकाना यूपी में ही है.

इसी को लेकर यूपी पुलिस इस नेक्सस को जड़ से उखाड़ने में जोर दे रही है. यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार की माने तो 2021 में उनकी टीम ने रोहिंग्यो और बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में लाने खासकर यूपी में बसाने वाले नेक्सस का खुलासा किया है. उनके अनुसार यूपी एटीएस अभी भी इस गैंग के अन्य सदस्यों को ढूंढने में लगी हुई है.

फिलहाल यूपी एटीएस की 30 अधिकारियों की टीम गिरफ्तार हुए 20 लोगों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान इन सभी को पश्चिम बंगाल समेत यूपी के उन इलाकों में ले जाया जाएगा जहां रोहिंग्या ने अपना ठिकाना बना रखा है.

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