उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का होगा अनादर: हृदय नारायण दीक्षित

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. इस पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विशेष सत्र बुलाने से सोशल डिस्टेंसिंग का अनादर होगा. यह समय कोरोना से मिलकर लड़ने का है, सत्र बुलाने का नहीं.

By

Published : May 1, 2020, 7:20 PM IST

Updated : May 1, 2020, 7:26 PM IST

hriday narayan dixit news
यूपी विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश की परिस्थिति को देखते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि मौजूदा समय सत्र बुलाने का नहीं है. इस समय दलीय राजनीति से ऊपर उठकर सभी को कोरोना महामारी से लड़ने में अपना-अपना विभिन्न रूपों में योगदान देना चाहिए. यदि सत्र बुलाया जाता है तो सोशल डिस्टेंसिंग का अनादर होगा.

विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत करते संवाददाता.

सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा का अंतिम सत्र दिल्ली में आहूत था. उसी समय कोरोना महामारी की चर्चा बहुत गंभीर रूप में शुरू हो गई थी. वह पहला चरण था. लोकसभा में विपक्ष-सत्ता पक्ष के सभी नेताओं ने मिलकर तय किया कि लोकसभा का सत्र अति शीघ्र समाप्त कर देना चाहिए. सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्रों की चिंता करेंगे. ऐसे में सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी अनादर होता है.

विशेष सत्र का बुलाया जाना उचित नहीं
उन्होंने कहा कि लोकसभा का सत्र तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर बिना बहस के ही सर्वसम्मति से समाप्त कर लिया गया. तब से अब भिन्न प्रकार की स्थिति है. पूरे देश में मरीजों की संख्या बढ़ चुकी है. कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ चुकी है. ऐसी विषम चुनौती के बीच जहां पग-पग पर, प्रतिपल संघर्ष हो. मैं व्यक्तिगत रूप से कह सकता हूं कि ऐसे में सत्र का बुलाया जाना उचित नहीं होगा.

विधानसभा में नहीं हैं पर्याप्त सीटें
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के मंडप में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन के लिए अगर विधायक एक-एक कुर्सी छोड़कर भी बैठते हैं तब भी डेढ़ गज की दूरी नहीं हो पाएगी. मान लीजिए एक-एक कुर्सी छोड़कर बैठने की व्यवस्था की जाए तो सभी सदस्य बैठ नहीं पाएंगे. अभी भी सभी सदस्यों के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं. कई बार ऐसी परिस्थितियां मंडप में उत्पन्न होती हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए सत्र बुलाना संभव नहीं दिखता है.

अखिलेश यादव के बारे में कही यह बात
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जहां तक अखिलेश यादव की बात है तो वह प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं और मुख्यमंत्री रह चुके हैं. संसदीय परिपाटी में लोकतंत्र में इस तरह की बातें आती रहती हैं. उसे सुना भी जाता है. आवश्यक होती है तो उस पर अमल भी होता है. चिंतन मनन भी होता है, लेकिन इस समय मुख्य केंद्रीय विचार है कि सब लोग मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन का पूरी तरह से अनुपालन करें और सरकार के साथ खड़े रहें.

प्रदेश के श्रमिकों से रूबरू हुए CM योगी, कहा- बनाएं रखें धैर्य

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सत्र चलाए जाने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके माध्यम से सत्र संभव नहीं हो सकता है. एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच का फासला छह माह से अधिक एक दिन भी नहीं होना चाहिए. आने वाले कुछ दिनों में हो सकता है कि देश की अन्य विधानसभाओं में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हों, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी ऐसी स्थिति नहीं है. फिर भी इस पर अलग से विचार किया जाना चाहिए.

Last Updated : May 1, 2020, 7:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details