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पशुओं और फसलों को ठंड से बचाने के लिए करें ये उपाय - cold in lucknow

उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में किसान और पशुपालक अपनी फसलों और पशुओं क ठंड से कैसे बचाएं, ये बता रहे हैं राजधानी लखनऊ के पशु विशेषज्ञ डॉक्टर सुधीर कुमार रघुवंशी और डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह.

पशुपालकों और किसानों को जानवरों और फसलों से जुड़ी जानकारी दी
पशुपालकों और किसानों को जानवरों और फसलों से जुड़ी जानकारी दी

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Published : Jan 29, 2021, 1:06 PM IST

लखनऊ:पिछले कई दिनों प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम विभाग ने भी ठंड को लेकर यूपी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. साथ ही सभी जन समुदायों, पशुपालकों और किसानों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है. ऐसे में राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब निवासी पशु विशेषज्ञ डॉक्टर सुधीर कुमार रघुवंशी ने पशुपालकों को सलाह दी है.

पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय

उन्होंने कहा कि ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालक उन्हें सुबह 10:00 बजे के पहले खुले में बिल्कुल ना निकालें, पशुओं के छोटे बच्चों को टाट या बोरा से ढक कर रखें. पशुओं के मल-मूत्र को साफ रखें तथा राख का भुरकाव करें. पशुओं को खाने के लिए ताजा चारा दें, जिसमें पानी की मात्रा कम रखें. जो पानी पशुओं को पिलाने के लिए प्रयोग करें वह ताजा हो बासी पानी का प्रयोग ना करें. गाय-भैंस का दोहन करने से पहले उनके थनों को सूखे कड़े से अच्छे तरीके से साफ करें और उसके बाद पशु से दुग्ध दोहन करें. दुग्ध दोहन करने के बाद पशुओं के थनों में सरसों का तेल अवश्य लगाएं. पशुओं से दूध निकालते समय थनों में दूध ना छोड़े.

फसलों को ठंड से बचाने के उपाय

वहीं डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि, सभी किसान भाई अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए उचित प्रबंध करें. जैसे चना, मटर, सरसों, अरहर, मेथी, धनिया, टमाटर, प्याज, लहसुन, सेम तथा केला. साथ ही रसभरी फसलों में तरबूज, खरबूज, खीरा एवं पपीता में हल्की सिंचाई करें. डॉक्टर सिंह ने बताया जिन फसलों में पुष्प आ रहे हैं, उनमें कैलशियम सल्फेट का 0.5 प्रतिशत का छिड़काव करें. ठंड के मौसम में केले की फसल अधिक प्रभावित होने की संभावना है. ऐसे में 3 ग्राम यूरिया को 1 लीटर पानी में मिलाकर केले के पेड़ में अवश्य डालें.

आलू की लेट बुवाई

इस दौरान उन्होंने ने बताया कि जिन किसान भाइयों ने आलू की बुवाई लेट से की है उन्हें सलाह दी जाती है कि हर संभव वह अपनी फसल की निगरानी करते रहें. डाईथेन 45 की 3 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. साथ ही आम, अमरूद, शरीफा, कटहल, नींबू के छोटे पौधों को पुवाल से ढक कर रखने के साथ उनकी हल्की सिंचाई करते रहें.

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