उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

किचन से कैबिनेट तक कैसे पहुंचीं CO को धमकाने वाली मंत्री स्वाति सिंह

सीओ को धमकाने के मामले में सीएम योगी ने मंत्री स्वाति सिंह को अपने कार्यालय पर बुलाकर फटकार लगाई. वहीं डीजीपी से इस पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की है. जानिए अक्सर विवादों में रहने वाली स्वाति सिंह की पूरी कहानी...

किचन से कैबिनेट तक कैसे पहुंची मंत्री स्वाति सिंह.

By

Published : Nov 16, 2019, 6:20 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार की राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाति सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालिदास मार्ग स्थित कार्यालय पर बुलाकर फटकार लगाई है. दरअसल मंत्री स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ है. इस ऑडियो में वह सीओ को केस हटाने के लिए धमका रही हैं. शनिवार को सीएम योगी के समक्ष स्वाती सिंह ने सफाई दी. वहीं दूसरी तरफ सीएम ने डीजीपी से इस पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की है.

किचन से कैबिनेट तक कैसे पहुंची मंत्री स्वाति सिंह.

विवादों से पुराना नाता है स्वाति सिंहका
बता दें स्वाति सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है. विवादों के साथ ही उनकी राजनीति में एंट्री हुई और वह आज भी बरकारार है. बीते शुक्रवार को स्वाति एक बार फिर उस वक्त सुर्खियों में आईं जब सीओ बीनू सिंह को धमकाते हुए उनका एक ऑडियो वायरल हो गया.

स्वाति सिंह की ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने प्रदेश उपाध्यक्ष रहते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती पर विवादित टिप्पणी की. इसको लेकर प्रदेश भर में बसपाइयों ने धरना शुरू कर दिया. भारतीय जनता पार्टी को बैकफुट पर आना पड़ा, लेकिन इसी बीच बसपा नेता नसीमुद्दीन समेत अन्य बसपाई नेताओं ने दयाशंकर सिंह और उनके परिजनों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने बाहर आकर पूरा मोर्चा संभाल लिया. भाजपा ने स्वाति सिंह का साथ देने का फैसला लिया. तत्कालीन बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य 'मां-बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में' का नारा दिया. इसके बाद प्रदेश भर में आंदोलन शुरू हो गया और बसपा को इस पूरे प्रकरण पर पीछे हटना पड़ा.

2017 में भाजपा से मिला था टिकट
स्वाति सिंह वह चेहरा बनीं जो दयाशंकर सिंह के बयान पर भाजपा को बैकफुट पर जाने से रोक लिया. संकट मोचक की भूमिका में स्वाति को लोगों ने हाथों-हाथ लिया. भाजपा ने आगे चलकर महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2017 में विधानसभा का टिकट मिला. वह विधायक चुनी गईं और मंत्री भी बन गईं.

मंत्री बनने के बाद पहुंचीं थी बियर बार का उद्घाटन करने
मंत्री बनने के कुछ ही समय बाद मंत्री स्वाति सिंह बियर बार का उद्घाटन करने पहुंचीं. यह घटना भी काफी सुर्खियों में रही. इसको लेकर वह काफी दिनों तक विवादों में रहीं. स्वाति की कार्यप्रणाली को लेकर कई बार सवाल उठते रहे. सीएम योगी की अपेक्षा के अनुरूप स्वाति सिंह मंत्री के रूप में परिणाम नहीं पा रही थीं. विस्तार के दौरान सीएम योगी इन्हें हटाना चाह रहे थे, लेकिन संगठन के दबाव में उन्हें मंत्री बनाए रखा गया. अब बीते शुक्रवार को स्वाति सिंह का सीओ बीनू सिंह को धमकाते हुए ऑडियो वायरल हुआ है.

स्वाती सिंह के वायरल ऑडियो से नाराज हैं सीएम
इस वायरल ऑडियो में वह सीओ से एक मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रही हैं. इस ऑडियों में स्वाति सिंह कह रही हैं कि अगर आपको (सीओ) यहां काम करना है तो ऐसा नहीं चलेगा. उनके इस ऑडियो से सीएम योगी खास नाराज हैं.

सीएम योगी ने स्वाति को लगाई फटकार
इसके चलते शनिवार सुबह सीएम योगी ने स्वाति सिंह को अपने कार्यालय पर तलब किया. सीएम योगी ने डीजीपी से पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार साफ-सुथरे तरीके से काम कर रही है. वह भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं. अगर इसमें कोई भी आड़े आएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

स्वाति के बचाव में उतरी भाजपा
इस पूरे प्रकरण के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तत्परता से कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी मंत्री स्वाति सिंह के बचाव में उतर पड़ी है. भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि मंत्री पर कोई कार्रवाई की जाए.

पहली बार नहीं है जब किसी नेता का ऑडियो वायरल हुआ हो
भाजपा के लोगों का कहना है कि अगर मंत्रियों का ऑडियो इस प्रकार से रिकॉर्ड करके सार्वजनिक किया गया और उस पर सरकार ने कार्रवाई की तो मंत्रियों का अधिकारियों पर से दबाव खत्म हो जाएगा. मंत्री आम जनता को न्याय नहीं दिला पाएंगे. यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता का ऑडियो अधिकारी द्वारा वायरल किया गया है.

भाजपा प्रवक्ता ने की स्वाति सिंह की वकालत
इस पूरे मामले पर भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मंत्री स्वाति सिंह जिस क्षेत्र के सीईओ को फोन कर रही हैं. वह उस क्षेत्र की जनप्रतिनिधि हैं और जनप्रतिनिधि के नाते लोगों के लिए फोन करना लाजमी है. इसीलिए उन्होंने भी फोन किया था, लेकिन यह भी गलत है कि कोई अधिकारी मंत्री का ऑडियो वायरल कर दे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details