लखनऊ :सरकार का वादा था कि 2022 तक हर गरीब के सिर पर छत होगी. जिसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी बनाई गई थी. इस योजना में 2022 तक उत्तर प्रदेश के शहरों में 50,000 गरीब आवासों का निर्माण भी किया गया. अभी भी उत्तर प्रदेश के 15 लाख गरीब रजिस्ट्रेशन कराकर आवास का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर है. बात लखनऊ की जाए तो यहां भी हाल बहुत बुरा है. लखनऊ में करीब 10 हजार लोगों ने एक लाख आवासों की मांग के लिए सूडा पर पंजीकरण कराया है, लेकिन पिछले करीब पांच साल से लखनऊ में केवल 10 हजार प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं. ऐसे में लक्ष्य से लखनऊ बहुत पीछे है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक हर गरीब को छत मिलनी थी. ग्रामीण क्षेत्र में तो प्रधानमंत्री आवास योजना बहुत सफल रही है, लेकिन जमीन की कमी के चलते शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना सफल नहीं हो सकी. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो पिछले 5 साल में करीब 50 हजार प्रधानमंत्री आवास और गरीब आवास आवंटित किए गए हैं. वहीं बात जरूरत और पंजीकरण की की जाए तो यह 15 लाख के करीब का आंकड़ा है.