उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लखनऊ नगर निगम में हाउस टैक्स घोटाला, करोड़ों की हेराफेरी - Lucknow news

लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों पर आरोप है कि कमीशन खोरी और अपनी जेब भरने के लिए नगर निगम को करोड़ों का चूना लगाया या है. नगर निगम सदन के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय तक में इसकी लिखित शिकायत की गई है.

कागजात
कागजात

By

Published : Jul 28, 2021, 9:15 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:38 PM IST

लखनऊ : नगर निगम की आय का सबसे बड़ा स्रोत हाउस टैक्स पर अधिकारी सेंधमारी कर रहे हैं. हाउस टैक्स के रिएसेसमेंट के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी की जा रही है. लखनऊ नगर निगम के यदुनाथ सान्याल वार्ड की पार्षद सुनीता सिंघल एक शिकायत के बाद यह सच सामने आया है. नगर निगम के दस्तावेजों पर भरोसा करें तो वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में करोड़ों रुपए सिर्फ रिएसेसमेंट के नाम पर छोड़ दिए गए. आरोप है कि अधिकारियों ने कमीशन खोरी और अपनी जेब भरने के लिए नगर निगम को करोड़ों का चूना लगाया है. नगर निगम सदन के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय तक में इसकी लिखित शिकायत की गई है.

लखनऊ नगर निगम में घोटाले का सच

ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले सच सामने आए. पड़ताल में खुलासा हुआ कि जोनल कार्यालयों के स्तर पर 10-10 लाख रुपए के हाउस टैक्स को चंद हजार रुपए में बदला गया. पार्षद सुनीता सिंघल का आरोप है कि अगर हाउस टैक्स वास्तव में चंद हजार रुपए में था, तो 10-10 लाख रुपए का बिल पहले क्यों थमाया गया. हैरानी की बात है कि इनमें ज्यादातर मामले शहर के बड़े-बड़े लोगों और प्रतिष्ठानों से जुड़े हैं. दोनों ही सूरत में नगर निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.


ऐसे किया गया खेल

राजीव गांधी वार्ड में एक हाउस टैक्स की वैल्यू 12 लाख 41 हजार 136 रुपये थी. जब इसका जीएसएस बंद किया गया तो यह सिर्फ 11 हजार 183 रुपये रह गई. इसी तरह लोहिया नगर में टैक्स वैल्यू 3 लाख 97 हजार 18 रुपये से घटाकर करीब 26 हजार रुपए कर दी गई. शृंगार नगर में 9 लाख 18 हजार रुपये की टैक्स वैल्यू को 12425 रुपए में बदल दिया गया.

नगर निगम को करीब 64 करोड़ का नुकसान

यह बस चंद उदाहरण है. व्हिसलब्लोअर फोरम के मंत्री विनोद कृष्ण सिंघल ने बताया कि इस तरह के करीब 19 पेजों में 1000 से से ज्यादा मामले मुख्यमंत्री कार्यालय और नगर निगम सदन के पटल पर रखे गए हैं. यह सभी मामले वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के हैं. जिनमें , कुल हाउस टैक्स को करीब 79 करोड़ रुपए से घटाकर 14 करोड़ के आसपास कर दिया गया . यह सब कुछ रिएसेसमेंट के बाद किया गया है . नगर निगम को करीब 64 करोड़ का नुकसान हुआ है. दावा है कि इस पूरे प्रकरण की अगर गंभीरता के साथ जांच कराई जाए तो कई बड़े मामले और सामने आ सकते हैं.

कागजात
सबसे ज्यादा जोन 4 में दी गई छूटपार्षद सुनीता सिंघल ने नगर निगम सदन में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया. उन्होंने नगर आयुक्त से सवाल पूछा कि वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के दौरान कितने भवनों के स्वामियों को वार्षिक टैक्स मे 200000 या उससे अधिक की छूट दी गई. इस सवाल के जवाब में जो आंकड़े सामने आए वह बेहद चौंकाने वाले हैं. जोन 2 में यह संख्या 152 थी. जोन 3 मे 72 भवनों के स्वामियों को इसका लाभ दिया गया. जोन 4 में यह संख्या 298 थी. जोन छह में 57 भवनों के स्वामियों को इसका लाभ दिया गया.
कागजात

इसे भी पढ़ें- बारिश ने खोली नगर निगम की पोल, CM आवास के पास ही जलभराव से लोग हुए बेहाल

अधिकारियों ने साधी चुप्पी, सदन में दिया यह जवाब

हाउस टैक्स में हो रहे हेरा-फेरी के यह प्रकरण बेहद गंभीर हैं. बावजूद इसके जिम्मेदार इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. ईटीवी भारत ने इस पूरे प्रकरण पर अधिकारी पक्ष जानने के लिए नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि, नगर निगम सदन में उठाए गए इस मामले के जवाब में नगर आयुक्त ने कहा है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर भी कर दिए गए हैं ताकि वह जांच को प्रभावित ना कर सके. 20 अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या कम है इसलिए निलंबन नहीं किया गया.

जोनल अधिकारी से लेकर बाबू तक शामिल

व्हिसलब्लोअर फोरम के मंत्री विनोद कृष्ण सिंघल का आरोप है कि हाउस टैक्स में हेरा फेरी का यह खेल संगठित रूप से किया जा रहा है. इसमें विभाग के टैक्स एसेसमेंट करने वाले फील्ड के अधिकारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक शामिल हैं. इसीलिए इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जा रही है. अगर प्रकरण की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो जाए तो नगर निगम को हर साल होने वाले करोड़ों रुपए के नुकसान से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस प्रकरण को मुख्यमंत्री के सामने भी रखा गया है.

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details