लखनऊ: नगर निगम ने झलकारी बाई महिला अस्तपाल का 15,86,453 रुपये गृहकर बकाया होने पर मुख्य चिकित्साधीक्षक (सीएमएस) का कक्ष सील कर दिया था. वहीं, विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की पूर्व सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बीते तीन साल से गृहकर जमा के लिए कोई भी कार्यवाही नहीं की थी और न ही बजट के लिए शासन को पत्र भेजा था.
झलकारी बाई महिला अस्तपाल का बीते तीन साल का गृहकर बकाया था, जिसके कारण अस्पताल की सीएमएस का रूम नगर निगम ने सील कर दिया था. हालांकि इन तीन दिनों में शासन को गृहकर के लिए अस्पताल की ओर से पत्र भेजा गया. सोमवार को इसके लिए बजट भी पास हो गया है. बीते तीन साल का गृहकर नहीं जमा होने के कारण नवनियुक्त सीएमएस डॉक्टर निवेदिता कार का कक्ष सील किया गया था. उन्होंने कहा कि 'पूर्व सीएमएस ने क्या किया या क्या नहीं किया. इसके बारें में मुझे जानकारी नहीं हैं, लेकिन हां जबसे मैंने ज्वॉइन किया है तब से पुरानी चीजों का ही निपटारा कर रही हूं. अगर पूर्व सीएमएस अपना दायित्व निभा कर जाती तो यह परिस्थिति पैदा ही नहीं होती'.