लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लेवाना होटल अग्निकांड मामले (levana fire case in lucknow) में होटल मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए, आदेश दिया है कि विवेचना पूरी होने तक यदि अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे एक-एक लाख रुपये की दो जमानतों और व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया.
अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार व अमित जायसवाल ने मुख्य रूप से दलील दी कि अभियुक्त 75 वर्ष का बुजुर्ग व्यक्ति है व विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है व उक्त होटल व्यवसाय उसके बेटे और भतीजे द्वारा देखा जाता था, वह स्वयं होटल के कार्यों को नहीं देखता था. यह भी दलील दी गई कि अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही व पीड़ितों के वरिष्ठ अधिवक्ता आईबी सिंह की दलील थी कि होटल अवैध तरीके से चलाया जा रहा था, खिड़कियों पर लोहे के ग्रिल लगा दिए गए थे जिससे हादसे के समय पीड़ित कमरों से बाहर नहीं निकाल सके व अभियुक्त पर विवेचना में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया गया.