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लखनऊ: ईटीवी भारत ने कोविड सेंटर बने होटल्स का लिया जायजा

राजधानी लखनऊ में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकार शहर के कुछ बड़े होटल्स का इस्तेमाल कर रही है. क्या है इनकी जमीनी हकीकत इसको जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

होटलों को कोविड केयर सेंटर में किया गया तब्दील
होटलों को कोविड केयर सेंटर में किया गया तब्दील

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Published : Aug 23, 2020, 1:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार उफान पर हैं. सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और उनके अधिकारी हर हालात पर नजर बनाए हुए हैं. योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि कोरोना संक्रमितों को हर हाल में सभी सुविधाएं और उचित इलाज मिले. इसके लिए प्रदेश सरकार ने शहर के कुछ होटलों को कोविड केयर सेंटर के तौर पर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे. ईटीवी भारत ने शहर में घूमकर इन सेंटरों की जमीनी हकीकत जानी.

योगी सरकार ने दिया था आदेश
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आदेश दिया था कि कोरोना संक्रमितों को हर संभव अच्छे से अच्छा इलाज मिले. बता दें कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इस वजह से शहर के पांच होटलों को कोविड केयर सेंटर की मान्यता दी गयी है.

स्पेशल रिपोर्ट.

इन होटलों को मिली मान्यता
ईटीवी भारत ने जब क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव से इस मसले पर बात की तो उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति पर शहर के कुछ होटल्स विजय पैराडाइज, सपना क्लार्क इन, आरिफ कैसल और आनंदी वाटर पार्क को कोविड केयर सेंटर की मान्यता मिली है.

मरीजों को मिल रही सुविधाएं
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि इन सभी होटल्स में जिला प्रशासन के निर्देश पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. यहां कोविड संक्रमितों को रखा जाता है. उनके इलाज के लिए 24 घंटे सातों दिन सरकारी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहता है. उन्होंने बताया कि इन संक्रमितों को सुबह ब्रेकफास्ट, दोपहर में लंच और रात में डिनर उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ-साथ इन लोगों को काढ़ा भी दिया जाता है. अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने निर्देशित किया है कि इनको कोविड केयर सेंटर में रखे गए लोगों से ज्यादा शुल्क न वसूला जाए.

एक दिन का इतना है खर्च
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि प्रशासन के निर्देश पर प्रत्येक से करीब दो हजार रुपये शुल्क लिया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सेंटर शुरुआत में ही पन्द्रह हजार रुपये जमा करा लेते हैं. उसके बाद जितना खर्च होता है वह रकम काटकर बाकी राशि वापस कर दी जाती है. उन्होंने बताया कि कोविड केयर सेंटर में प्रशासन का एक भी रुपए खर्च नहीं हुआ है. सभी खर्च कोविड मरीजों द्वारा ही वहन किया गया है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यहां तीन डॉक्टर हमेशा उपलब्ध रहते हैं.

होटल विजय पैराडाइज की जांची हकीकत
ईटीवी भारत की टीम ने हकीकत जानने के लिए इन सभी कोविड केयर सेंटर का जायजा लिया. विकास नगर इलाके में स्थित विजय पैराडाइज होटल में जिला प्रशासन के निर्देश पर सभी इंतजाम किए गए हैं. होटल के जनरल मैनेजर पीयूष पाठक ने जानकारी दी कि यहां हमने जिला प्रशासन के निर्देश पर 27 कमरे व्यवस्थित किए हैं. सभी कमरों में उचित इंतजाम किए गए हैं. पीयूष पाठक ने बताया कि हम लोगों ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए यह भी फैसला किया है कि जो भी होटल का स्टाफ मरीजों के लिए खाना लेकर जाएगा, बकायदा उसका नाम लिखा जाएगा. उसका तापमान मापा जाएगा और खाने की क्वालिटी को भी चेक किया जाएगा.

आनंदी वॉटर पार्क में आये सबसे ज्यादा मरीज
लखनऊ के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत को बताया कि सबसे ज्यादा कोविड मरीजों की संख्या आनंदी वॉटर पार्क में देखने को मिली है. यहां पर 70% मरीज आए हैं. उन्होंने बताया कि यहां पर लोगों को उचित व्यवस्था और इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने आनंदी वॉटर पार्क का रुख किया. यहां के मैनेजर विनय शुक्ला ने बताया कि जैसे ही उनको इस बात की जानकारी हुई कि पार्क को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया गया है, वैसे ही मैनेजमेंट ने सभी इंतजाम शुरू कर दिए. उन्होंने कहा कि जो भी कोरोना मरीज आता है उसके पास सीएमओ का एक लेटर होता है, जिसको देखकर हम लोग उनको यहां पर रखते हैं.

विनय शुक्ला ने जानकारी दी कि आनंदी वॉटर पार्क के एक अलग परिसर में कोरोना मरीजों के लिए व्यवस्था की गई है. यहां उनके इलाज के लिए हर वक्त तीन शिफ्ट में सरकारी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और उचित दवाएं उपलब्ध रहती हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग प्रशासन के निर्देश पर ही सारा कार्य कर रहे हैं. आनंदी वॉटर पार्क के मैनेजर विनय शुक्ला ने जानकारी दी कि जो भी मरीज जहां भर्ती हैं उनके रिश्तेदार बाहर गेट पर ही उनको छोड़ जाते हैं. जब जरूरत पड़ती है तो वह आते हैं और उनको सामान उपलब्ध कराकर वापस लौट जाते हैं.

आनंदी वॉटर पार्क में उपलब्ध सेवाएं

कमरे 61
अभी तक भर्ती हुए कोरोना मरीज 150
डिस्चार्ज हुए 90%
कमरों का किराया 1600 से लेकर 2000 तक
कोरोना मरीजों की उम्र 12 से लेकर 65 साल तक
22 अगस्त को भर्ती हुए मरीज 9

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