लखनऊ : ठंड में मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दवाएं खाने के बावजूद बीपी अनियंत्रित हो रही है. इस मौसम में आए बदलाव से केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के आईसीयू बेड भर गए हैं. इमरजेंसी में अटैक पड़ने वाले रोजाना करीब 10 से 20 मरीज आ रहे हैं. पीजीआई के दिल के मरीजों के लिए 22 बेड़ का एमआईसीयू का वार्ड है. सभी बेड भरे हुए हैं. केजीएयमू में 80 बेड का आईसीयू भरा हुआ है. यहां भी रोज 10 से 12 मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं. लोहिया संस्थान में भी 23 बेड का आईसीयू हैं, लेकिन कोई खाली नहीं हैं.
राजधानी के बड़े अस्पतालों की कार्डियोलॉजी इमरजेंसी फुल, रोज आ रहे 10 से अधिक केस - risk of heart attack in cold
ठंड के मौसम में हृदयरोगियों की समस्या (heart patients suffer in cold) बढ़ जाती है. ऐसे में अस्पतालों के कार्डियोलाॅजी विभाग की इमरजेंसी पर दबाव बढ़ गया है. फिलवक्त राजधानी लखनऊ के केजीएमयू, लोहिया संस्थान और पीजीआई समेत कई अस्पतालों के कार्डियोलॉजी विभाग में काफी मरीज भर्ती हैं. वहीं इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है.
केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अक्षय प्रधान ने बताया कि ठंड में रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं. दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिलता है. दिल की मांसपेशियां प्रभावित हो जाती हैं. इसका असर दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों पर भी पड़ता है. खून चिपचिपा व गाढ़ा होने लगता है. मांसपेशियां खराब होने से दिल फेल होने के साथ दौरा पड़ने की 30 फीसदी आंशका बढ़ जाती है. दवाएं कारगर नहीं होने पर एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ रही है.
लोहिया संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भुवन चन्द्र तिवारी ने बताया कि दिल की बीमारी से पीड़ित मरीज सर्दी में खासी सावधानी बरतें. धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है. जिससे उस हिस्से की मांस पेशियां खराब होने से दिल फेल होने के साथ दिल का दौरा पड़ने की आंशका बढ़ जाती है. सर्दियों में दिल फेल और दौरा पड़ने के मरीज बढ़ जाते हैं. उन्होंने बताया कि सर्दी में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है. लिहाजा नियमित जांच कराएं. ओपीडी दिल के मरीज समस्या लेकर आ रहे हैं. दवाओं की डोज बढ़ानी पड़ रही हैं.
यह भी पढ़ें : Protest In shahjahanpur: डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने रोड जाम किया