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मरीजों की सेवा में लगे प्रशिक्षुओं का मानदेय हो सम्मानजनक: सपा

प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को मरीजों की देखभाल के लिए नियुक्त किया है. इसके लिए सरकार ने छात्र-छात्राओं को मानदेय देने का फैसला किया है. वहीं सपा ने कहा है कि सरकार की तरफ से जो मानदेय दिया जा रहा है, वह कम है.

अनुराग भदौरिया.
अनुराग भदौरिया.

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Published : May 10, 2021, 3:20 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग के साथ-साथ नर्सिंग का कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को लगाया गया है. जिससे संक्रमित मरीजों की मदद की जा सके. इन प्रशिक्षुओं को सरकार ने मानदेय देने का भी काम शुरू कर दिया है. इससे इनका मनोबल बढ़े.

सपा प्रदेश प्रवक्ता.

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 6 मई को इसका सर्कुलर भी जारी कर दिया है. इसमें एमबीबीएस के इंटर्न आभ्यर्थियों के साथ-साथ पैरामेडिकल और नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को सरकार ने मानदेय देने के लिए एक धन राशि तय की है. इसके तहत एमबीबीएस इंटर्न को दैनिक मानदेय 500 एमएससी नर्सिंग छात्र छात्राओं को 400 इसके साथ ही बीएससी नर्सिंग एमबीबीएस अंतिम वर्ष तथा जीएनएम के छात्र-छात्राओं को 300 प्रतिदिन मानदेय देने का निर्णय लिया है.

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क्या कहते हैं सपा प्रवक्ता

प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया का कहना है कि उत्तर प्रदेश बुरे दौर से गुजर रहा है. ऐसे में बड़ी संख्या में एमबीबीएस और नर्सिंग की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं लगातार संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. सरकार की तरफ से जो मानदेय दिया जा रहा है. वह काफी कम है. यह मानदेय एक सम्मानजनक होना चाहिए. हमारी सरकार से मांग है कि इस मानदेय को और बढ़ाएं, जिससे यह छात्र और छात्राएं और अधिक मोटिवेटेड होकर लोगों की मदद कर सकें.

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